'पेपर लीक' करने पर कितनी सजा का प्रावधान है?
हाल ही में संसद ने सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 पारित किया है, जिसे एंटी पेपर लीक कानून भी कहा जाता है. आइये जानते हैं कि
हाल ही में संसद ने सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 पारित किया है, जिसे एंटी पेपर लीक कानून भी कहा जाता है. आइये जानते हैं कि
सुप्रीम कोर्ट ने भी नीट पेपर लीक से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए NTA से जवाब की मांग की है. आइये आपको बताते हैं कि NTA की स्थापना कब हुई? NTA क्या करती है?
राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) अंडरग्रेजुएट परीक्षा 2024 में पेपर लीक के आरोपों के बीच, सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि वह राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) से समय पर कार्रवाई की उम्मीद कर रही है.
सुप्रीम कोर्ट ने पेपर लीक के आरोपों पर राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) के जवाब का इंतजार करने को कहा है. याचिकाकर्ताओं ने मामले में तत्काल सीबीआई जांच कराने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने NTA के जवाब आने तक इंतजार करने को कहा है.
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा इस वर्ष आयोजित राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) में छात्रों को ग्रेस मार्क्स देने के निर्णय को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की गई है.
पेपर लीक और चीटिंग जैसी घटनाओं से बचने के लिए सरकार public examination bill 2024 लोकसभा में पास हो गया है. इस कानून के अनुसार पकड़े जाने पर 10 साल की जेल से लेकर 1 करोड़ तक का जुर्माना हो सकता है.
पेपर लीक करने वालों और नकल करने वालों के खिलाफ झारखंड सरकार ने सख्त कदम उठाने का फैसला किया है; सरकार ने एक 'एंटी-कॉपीइंग लॉ' का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है जिसमें नकल करने वालों को तीन साल तक की जेल हो सकती है और उन्हें दस लाख रुपये तक का जुर्माना भी देना पड़ सकता है। पेपर लीक करने वालों के लिए भी सजा का प्रावधान है...
नए कानून के अनुसार सरकारी भर्ती, बोर्ड सहित 10 तरह की परीक्षाओं को शामिल किया गया. और किसी भी सार्वजनिक परीक्षा को बाधित करने या अनुचित साधनों में लिप्त पाए जाने पर इस कानून में कम से कम 5 वर्ष और अधिकतम 10 वर्ष की जेल की सजा का प्रावधान किया गया.
नए कानून के अनुसार सरकारी भर्ती, बोर्ड सहित 10 तरह की परीक्षाओं को शामिल किया गया. और किसी भी सार्वजनिक परीक्षा को बाधित करने या अनुचित साधनों में लिप्त पाए जाने पर इस कानून में कम से कम 5 वर्ष और अधिकतम 10 वर्ष की जेल की सजा का प्रावधान किया गया.