Muslim Personal Law के अनुसार निकाह और मुता विवाह में क्या अंतर है? जानें पूरा मामला
इस्लाम में, विवाह एक अनुबंध (contract) होता है और कई इस्लामिक दार्शनिकों के अनुसार, इस्लाम में विवाह एक धार्मिक कर्तव्य है.
इस्लाम में, विवाह एक अनुबंध (contract) होता है और कई इस्लामिक दार्शनिकों के अनुसार, इस्लाम में विवाह एक धार्मिक कर्तव्य है.
Mohammedan कानून के अनुसार, इस्लाम में दो तरह के विवाह का उल्लेख है- निकाह और मुता विवाह. निकाह तथा मुता विवाह दोनों ही एक वैवाहिक अनुबंध है. परन्तु ये एक दूसरे से कई कारणों से भिन्न पाए जाते है.
पीठ के 5 में से 3 सदस्यों के सेवानिवृत होने के चलते बहुविवाह और निकाह हलाला के खिलाफ दायर 8 याचिकाओं पर सुनवाई लंबित थी, जिसके चलते अश्विनी उपाध्याय ने मामले को सीजेआई के समक्ष मेंशन किया. सीजेआई की पीठ ने तर्क से सहमत होते हुए ये माना कि मामले में सुनवाई के लिए पांच जजों की नई पीठ गठित करने की आवश्यकता है.
पीठ के 5 में से 3 सदस्यों के सेवानिवृत होने के चलते बहुविवाह और निकाह हलाला के खिलाफ दायर 8 याचिकाओं पर सुनवाई नही हो पा रही थी, जिसके चलते उपाध्याय के अधिवक्ता ने मामले को सीजेआई के समक्ष मेंशन किया.
इस्लाम में, विवाह एक अनुबंध (contract) होता है और कई इस्लामिक दार्शनिकों के अनुसार, इस्लाम में विवाह एक धार्मिक कर्तव्य है.
Mohammedan कानून के अनुसार, इस्लाम में दो तरह के विवाह का उल्लेख है- निकाह और मुता विवाह. निकाह तथा मुता विवाह दोनों ही एक वैवाहिक अनुबंध है. परन्तु ये एक दूसरे से कई कारणों से भिन्न पाए जाते है.
पीठ के 5 में से 3 सदस्यों के सेवानिवृत होने के चलते बहुविवाह और निकाह हलाला के खिलाफ दायर 8 याचिकाओं पर सुनवाई नही हो पा रही थी, जिसके चलते उपाध्याय के अधिवक्ता ने मामले को सीजेआई के समक्ष मेंशन किया.