In camera कार्यवाही क्या होती है और कब की जाती है
इन - कैमरा के अंतर्गत हुई कार्यवाही को छापने और प्रकाशित करने की अनुमति किसी को नहीं है, अगर कोई इसे छापता है या प्रकाशित करता है तो वो सजा का पात्र होगा.
इन - कैमरा के अंतर्गत हुई कार्यवाही को छापने और प्रकाशित करने की अनुमति किसी को नहीं है, अगर कोई इसे छापता है या प्रकाशित करता है तो वो सजा का पात्र होगा.
याचिकाओं में कहा गया है कि सेम सेक्स मैरिज को कानूनी दर्जा न देना उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है. याचिका में कहा गया है कि सेम सेक्स मैरिज को अनुमति न देना समानता के अधिकार, धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार और जीवन के अधिकार का उल्लंघन करना भी है.
दहेज हत्या का अपराध एक गैर-जमानती और संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है, जिसके लिए आसानी से जमानत नहीं दी जा सकती.IPC की धारा 304 (बी) के लिए दोषी व्यक्ति को कम से कम 7 साल से लेकर आजीवन उम्रकैद की सजा तक सुनाई जा सकती हैं.
जब कोई भारतीय किसी विदेशी से भारत के बाहर शादी करता है और चाहता है कि शादी भारत में उसे कानूनी मान्यता मिले. ऐसी स्थिति में यह अधिनियम एक विदेशी के साथ विवाह की प्रक्रिया को नियंत्रित करने के साथ ही अपने पसंद के व्यक्ति के साथ विवाह के अधिकार को बनाए रखता है.
विशेष विवाह अधिनियम विभिन्न धर्मों को मानने वाले युगलों को विवाह की सुविधा प्रदान करने तथा स्वेच्छा से विवाह को प्राथमिकता देने के लिए अधिनियमित किया गया था. हमारे देश में विशेष विवाह अधिनियम का सर्वाधिक प्रयोग 15 से 19 आयु वर्ग की महिलाओं द्वारा किया जाता है.
7 मुकदमों में आरोपी ने खुद की शादी का फर्जी कार्ड बनाकर गुजरात हाईकोर्ट में अंतरिम जमानत की अर्जी दायर की. मामले का खुलासा होने पर हाईकोर्ट ने आरोपी याचिकाकर्ता की जमानत याचिका खारिज करने के साथ पुलिस अधीक्षक को दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा हैं.