आबकारी नीति मामला: Delhi High Court ने आप नेता मनीष सिसोदिया को जमानत देने से किया इनकार
आम आदमी पार्टी के मनीष सीसोदिया को दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार. जानिये कोर्ट ने क्या कहा.
आम आदमी पार्टी के मनीष सीसोदिया को दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार. जानिये कोर्ट ने क्या कहा.
आबकारी घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता एवं दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की दिल्ली की एक अदालत द्वारा मंगलवार को न्यायिक हिरासत की अवधि एक जून तक बढ़ा दी गई.
दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को आबकारी नीति लागू की थी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 में यह नीति रद्द कर दी थी.
CBI ने अपनी इस सप्लीमेंट्री चार्जशीट में बुच्ची बाबू, अर्जुन पांडेय, अमनदीप ढल को आरोपी बनाया है. विशेष अदालत 27 मई को शाम 4 बजे अपना फैसला सुनाएगी.
Delhi High Court ने गुरुवार को आप नेता की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. रद्द किए जा चुके आबकारी नीति मामले में फंसे सिसोदिया ने अपनी पत्नी की बीमारी के आधार पर मामले में अंतरिम जमानत के लिए तीन अप्रैल को उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.
Delhi High Court ने जेल अधीक्षक को आदेश दिया है कि वह जेल मैन्युल के अनुसार सिसोदिया को वैकल्पिक दिनों में दोपहर बाद तीन से चार बजे के बीच Video Conferencing के जरिए बिमार पत्नी से बात कराई जाए.
सिसोदिया ने अपनी पत्नी की बीमारी के आधार पर मामले में अंतरिम जमानत की मांग करते हुए 3 अप्रैल को हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.
Money Laundering मामले में Manish Sisodia की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. ऐसे में अब उनकी न्यायिक हिरासत को आगे बढ़ाया गया है.
पूर्व में दी गई न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद सोमवार को मनीष सिसोदिया को दिल्ली की राउज एवेन्यु कोर्ट में पेश किया गया.
जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने सिसोदिया की अंतरिम जमानत याचिका पर नोटिस जारी करते हुए मामले की अगली सुनवाई 11 मई को तय की है. मनीष सिसोदिया ने अने पत्नी के स्वास्थ्य के आधार पर अंतरिम जमानत मांगी है.
17 मार्च को अदातल ने सिसोदिया की ईडी हिरासत पांच दिन बढ़ाकर 22 मार्च तक कर दी थी. रिमांड अवधि समाप्त होने पर 23 मार्च को सिसोदिया को अदालत में पेश किया गया था.
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को कथित आबकारी नीति घोटाला के मामले में दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और अन्य के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर (supplementary charge sheet) किया। सीबीआई ने 26 फरवरी को सिसोदिया को गिरफ्तार किया था और 58वें दिन आरोप पत्र दाखिल कर दिया, जिससे उन्हें स्वत: जमानत मिलने की संभावना नहीं रहेगी।
Delhi High Court ने मनीष सिसोदिया की ओर से दायर याचिका पर CBI को पक्ष रखने के लिए 26 अप्रैल तारीख तय की है. हाईकोर्ट ने कहा कि ASG से कहा कि वह बताएं कि एक्साइज पॉलिसी कैसे चलती है. कोर्ट ने कहा कि CBI अपने जांच अधिकारी को भी इस बारे में सफाई देने के लिए बुला सकती है.
Manish Sisodia ने Bail दायर करते हुए अदालत से अनुरोध किया है कि जांच के लिए अब उनकी हिरासत की जरूरत नहीं है, इसलिए उन्हे अब जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए.
पूर्व में दी गई न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद सोमवार को मनीष सिसोदिया को दिल्ली की राउज एवेन्यु कोर्ट में पेश किया गया. CBI अदालत के विशेष जज एम के नागपाल ने सिसोदिया को 1 मई तक न्यायिक हिरासत में जेल भेजने के आदेश दिए.
मनीष सिसोदिया फिलहाल 17 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में है. पूर्व में दी गई न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद 3 अप्रैल को राउज एवेन्यु कोर्ट में ने 17 तक जेल भेज दिया था.
सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था, इस मामले में सिसोदिया की ओर से दायर जमानत आवेदन को ट्रायल कोर्ट ने 31 मार्च को जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
पूर्व में दी गई न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद सोमवार को मनीष सिसोदिया को दिल्ली की राउज एवेन्यु कोर्ट में पेश किया गया.
पूर्व में दी गई न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद सोमवार को मनीष सिसोदिया को दिल्ली की राउज एवेन्यु कोर्ट में पेश किया गया. CBI अदालत के विशेष जज एम के नागपाल ने सिसोदिया को 1 मई तक न्यायिक हिरासत में जेल भेजने के आदेश दिए.
मनीष सिसोदिया फिलहाल 17 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में है. पूर्व में दी गई न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद 3 अप्रैल को राउज एवेन्यु कोर्ट में ने 17 तक जेल भेज दिया था.
सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था, इस मामले में सिसोदिया की ओर से दायर जमानत आवेदन को ट्रायल कोर्ट ने 31 मार्च को जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
पूर्व में दी गई न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद सोमवार को मनीष सिसोदिया को दिल्ली की राउज एवेन्यु कोर्ट में पेश किया गया.
दिल्ली आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के संबंध में मनीष सिसोदिया को CBI ने 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था.फिलहाल सिसोदिया 5 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में है.
ED की ओर से आज जमानत याचिका पर अदालत में जवाब पेश किया गया, ED ने अपने जवाब के साथ पैन ड्राईव सिसोदिया से जुड़े दस्तावेज भी सौपे है. सिसोदिया के अधिवक्ता द्वारा ईडी के जवाब के रिप्लाई के लिए समय मांगे जाने पर अदालत ने याचिका पर सुनवाई टाल दी.
Rouse Avenue Court के विशेष जज एम के नागपाल ने शुक्रवार को दोनो पक्षो की और बहस पूर्ण होने के बाद फैसला सुरक्षित रखा है.मामले में सीबीआई की ओर से दायर किए गए मुकदमें की एक प्रति और उसके साथ संबंधित दस्तावेज सिसोदिया के अधिवक्ता को सौपे गए.
अदालत में मनीष सिसोदिया ने जज एम. के. नागपाल से जेल में पढ़ने के लिए भगवद गीता सहित कुछ और किताबों की मांग करते हुए प्रार्थना पत्र पेश किया. जिसके बाद अदालत ने जेल प्रशासन को आदेश दिए है कि सिसोदिया जो किताब पढना चाहते है वो उन्हे उपलब्ध कराई जाए.
दिल्ली की CBI राउज एवेन्यू कोर्ट के समक्ष दायर मनीष सिसोदिया की जमानत अर्जी पर मंगलवार को सुनवाई हुई. इस दौरान मनीष सिसोदिया के साथ साथ सीबीआई के वकीलों की ओर से तर्क पेश किए गए.
सात दिन की रिमांड अवधि पूरी समाप्त होने के बाद ED ने मनीष सिसोदिया को राउज एवेन्यू कोर्ट में विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल की अदालत में पेश किया. अदालत ने ईडी हिरासत अवधि 5 दिन और बढाते हुए 22 मार्च तक रिमांड पर भेजा है.
सीबीआई ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र में आने वाले विभिन्न विभागों, स्वायत्त निकायों, संस्थानों के कामकाज के बारे में प्रासंगिक जानकारी तथा कार्रवाई योग्य प्रतिक्रिया एकत्र करने और किसी को ‘‘फंसाने की मंशा’ से 2015 में फीडबैक इकाई स्थापित करने का प्रस्ताव दिया था.
दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े money laundering मामले में, अब तक दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं आप नेता मनीष सिसोदिया समेत 12 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इस मामले में के. कविता को समन के लिए ED के कार्यालय में बुलाया गया था, जिसके खिलाफ कविता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.
सुनवाई के दौरान मनीष सिसोदिया के अधिवक्ता ने कहा कि इस मामले में जांच एजेंसी और कोर्ट के ऊपर बहुत दबाव है.
सिसोदिया की जमानत अर्जी पर सुनवाई से एक दिन पूर्व ईडी की गिरफतारी के चलते अब सिसोदिया को सीबीआई कोर्ट से जमानत मिलने के बावजूद राहत मिलने में मुश्किल आ सकती है.
आरोप है कि शराब कारोबारियों को लाइसेंस देने की नीति से कुछ डीलरों को लाभ मिला. इसके लिए डीलरों ने कथित रूप से रिश्वत दी थी. सीबीआई ने इस मामले में 16 लोगों पर FIR दर्ज की, जिसमें सिसोदिया को आरोपित नंबर 1 बनाया.
CBI ने साल 2021-22 की आबकारी नीति बनाने एवं उसे लागू करने में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में रविवार शाम को सिसोदिया को गिरफ्तार किया था. मनीष सिसोदिया ने जमानत के लिये अपील की थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इंकार कर दिया.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया शराब नीति मामले में बेल के लिए मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे. जहां उन्होंने अपनी याचिका में सीबीआई जांच और गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए जमानत की मांग की थी.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आबकारी नीति घोटाला मामले में सीबीआई द्वारा की गई गिरफ्तारी और जाचं को मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. इस मामले को सुनवाई के लिए सीजेआई के समक्ष रखा जाएगा.