'लड़कों के साथ हो रही नाइंसाफी': मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सरकार से कही कन्सेंट एज कम करने की बात
POSCO Act के तहत एक मामले की सुनवाई करते समय उच्च न्यायालय ने केंद्र से कहा है कि उन्हें कन्सेंट एज 18 से कम करके 16 कर देनी चाहिए
POSCO Act के तहत एक मामले की सुनवाई करते समय उच्च न्यायालय ने केंद्र से कहा है कि उन्हें कन्सेंट एज 18 से कम करके 16 कर देनी चाहिए
ज्ञात हो कि पिछले दिनों आंधी और बवंडर के कारण महाकाल लोक में छह मूर्तियां बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई थी और अब बात सामने आ रही है कि कई अन्य मूर्तियां दरक गई हैं.
अगर ऐसी कोई स्थिति होटी है जब आपको अपने ही परिवार से सुरक्षा चाहिए हो, तो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत आप ऐसा कर सकते हैं। जानें कैसे
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहकर 20 वर्षीय लड़की को सिक्योरिटी दिलवाई है क्योंकि उसे अपने ही परिवार के सदस्यों से खतरा है। जानें ऐसी स्थितियों में संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत किस तरह प्रोटेक्शन पाया जा सकता है
न्यायिक अधिकारियों की छवि खराब करने के लिए सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर सुप्रीम कोर्ट ने की टिप्पणी.
Madhya Pradesh high court ने विश्वविद्यालय प्रशासन को यह जुर्माने की राशि दोषी अधिकारी यानी OIC से वसूल कर हाईकोर्ट Legal Service कमेटी में जमा कराने के निर्देश दिए हैं.
कई बार अनुबंध का कोई पक्षकार नियमों का उल्लंघन करता है जिसके कारण दूसरी पार्टी को नुकसान का सामना करना पड़ता है.
Supreme Court ने Gwalior Development Authority को राहत देते हुए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया है.लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने Gwalior Development Authority को इस बात के लिए भी फटकार लगाई की निविदा की शर्ते तोड़ने और डिफ़ॉल्ट पर होने पर प्रतिवादी का दावा जब्त नहीं करने की अनुमति क्यों दी.
MP High Court हाईकोर्ट में एक सेवानिवृति जज की नियुक्ति सहित 7 नाम की सिफारिश के साथ ही उत्तराखण्ड हाईकोर्ट के लिए 4, दिल्ली हाईकोर्ट के लिए 3 और छत्तीसगढ के लिए 1 नाम की सिफारिश केन्द्र सरकार को भेजी गयी है.
Supreme Court Collegium ने दो High Court Judges के व्यक्तिगत अनुरोध को स्वीकार करते हुए उनके तबादले की सिफारिश केन्द्र को भेजी है.
मामले की शुरूआत हाईकोर्ट के 22 मार्च के एक आदेश से हुई जिसके द्वारा जिला अदालतों की प्रत्येक अदालत को अगले तीन माह सबसे पुराने 25 केसो की पहचान कर उनका निस्तारण करने के आदेश दिए गए थे.
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि किया मुख्य न्यायाधीश द्वारा सुझाव आमत्रिंत किए जाने के बावजूद हड़ताल का ऐलान करना न्यायिक पक्ष को चुनौती देना है और अधिवक्ताओं को अदालत में जाने से रोकना एक अपराध है.
लेखक डॉ अभिनव शर्मा पेशे से एक अधिवक्ता और संवैधानिक विषयों के विशेषज्ञ हैं.वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट और राजस्थान हाईकोर्ट में प्रेक्टिसरत डॉ शर्मा राजस्थान सरकार के पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता भी रहे है. डॉ शर्मा टाईम्स आफ इंडिया, आकाशवाणी, दूरदर्शन, पीटीआई सहित कई संस्थाओं में विधि क्षेत्र की पत्रकारिता से जुड़े रहे है.
सुप्रीम कोर्ट ने डीएम के सामने धर्म परिवर्तन की घोषणा के खिलाफ मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है. मामले की अगली सुनवाई 7 फरवरी को होगी.
MP High Court हाईकोर्ट में एक सेवानिवृति जज की नियुक्ति सहित 7 नाम की सिफारिश के साथ ही उत्तराखण्ड हाईकोर्ट के लिए 4, दिल्ली हाईकोर्ट के लिए 3 और छत्तीसगढ के लिए 1 नाम की सिफारिश केन्द्र सरकार को भेजी गयी है.
Supreme Court Collegium ने दो High Court Judges के व्यक्तिगत अनुरोध को स्वीकार करते हुए उनके तबादले की सिफारिश केन्द्र को भेजी है.
मामले की शुरूआत हाईकोर्ट के 22 मार्च के एक आदेश से हुई जिसके द्वारा जिला अदालतों की प्रत्येक अदालत को अगले तीन माह सबसे पुराने 25 केसो की पहचान कर उनका निस्तारण करने के आदेश दिए गए थे.
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि किया मुख्य न्यायाधीश द्वारा सुझाव आमत्रिंत किए जाने के बावजूद हड़ताल का ऐलान करना न्यायिक पक्ष को चुनौती देना है और अधिवक्ताओं को अदालत में जाने से रोकना एक अपराध है.
लेखक डॉ अभिनव शर्मा पेशे से एक अधिवक्ता और संवैधानिक विषयों के विशेषज्ञ हैं.वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट और राजस्थान हाईकोर्ट में प्रेक्टिसरत डॉ शर्मा राजस्थान सरकार के पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता भी रहे है. डॉ शर्मा टाईम्स आफ इंडिया, आकाशवाणी, दूरदर्शन, पीटीआई सहित कई संस्थाओं में विधि क्षेत्र की पत्रकारिता से जुड़े रहे है.
सुप्रीम कोर्ट ने डीएम के सामने धर्म परिवर्तन की घोषणा के खिलाफ मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है. मामले की अगली सुनवाई 7 फरवरी को होगी.