क्या था अरुणा रामचन्द्र शानबाग का केस जिसने भारत में Euthanasia के कानून को बदल दिया
आखिर क्या है यह इच्छामृत्यु का केस, आखिर क्यों दशकों तक अरुणा शानबाग को करना पड़ा इंतजार, आइये विस्तार से जानते है क्या था पूरा मामला।
आखिर क्या है यह इच्छामृत्यु का केस, आखिर क्यों दशकों तक अरुणा शानबाग को करना पड़ा इंतजार, आइये विस्तार से जानते है क्या था पूरा मामला।
जो करार विधिताः प्रवर्तनीय हो संविदा है। बहुत छोटे में संविदा की यहां पर परिभाषा बताई गयी है। जहां स्पष्ट यह कह दिया गया है कोई भी करार जो विधि द्वारा प्रवर्तनीय यानी जिसे न्यायालय में जाकर लागू कराया जा सकता हो, ऐसा करार संविदा होता है।
समान नागरिक संहिता पर पिछले कुछ समय से काफी डिस्कशन चल रहा है और विधि आयोग ने सभी से इसपर अपने मत मांगे थे जिसकी आखिरी तारीख 14 जुलाई, 2023 थी। अब विधि आयोग ने इसकी डेडलाइन को एक्स्टेन्ड कर दिया है...
क्या भारत में समान नागरिक संहिता लागू किया जाएगा? सरकार ने इसपर अब तक क्या सोचा है, विधि आयोग की तरफ से इसपर क्या योगदान है और अलग-अलग धार्मिक समुदाय इस बारे में क्या सोचते हैं, आइए जानते हैं...
पिछले कुछ समय से देश में यूसीसी को लेकर हलचल क्यों मची हुई है, क्या भारत में समान नागरिक संहिता लागू होने जा रही है और इसपर अलग-अलग धार्मिक समुदाय क्या सोचते हैं, आइए इन सभी सवालों के जवाब जानते हैं.
आज भारत में सिविल और क्रिमिनल मामलों के निपटारे के लिए निचली अदालत, उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय की सुविधा है। जानिए कि स्वतंत्रता से पहले, भारत में आपराधिक मामलों का निपटारा किस तरह होता था, 1947 से पहले भारत में न्यायिक व्यवस्था कैसी थी...
सूत्रों ने बताया कि आने वाले दिनों में कुछ खास संगठनों और लोगों को आयोग द्वारा व्यक्तिगत सुनवाई के लिए आमंत्रित किये जाने की भी संभावना है। इनमें से कुछ आमंत्रण पत्र भेजे जा चुके हैं।
यूनिफॉर्म सिविल कोड का मुद्दा पिछले कुछ समय से चर्चा का विषय बना हुआ है; अब हाल ही में विधि आयोग ने जनता को सतर्क किया है कि देश में यूसीसी को लेकर आ रहे वॉट्सएप मैसेज फ्रॉड हैं और उनकी तरफ से नहीं भेजे जा रहे हैं; जानिए सबकुछ
समान नागरिक संहिता के भारत में लागू किये जाने पर काफी चर्चा हो रही है; अब ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने विधि आयोग को यूसीसी के खिलाफ अपनी आपत्तियां एक नए ड्राफ्ट के रूप में भेजी हैं...
समिति की अध्यक्षा जस्टिस (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई के अनुसार, सभी प्रकार की राय और चुनिंदा देशों के वैधानिक ढांचे सहित विभिन्न विधानों एवं असंहिताबद्ध कानूनों को ध्यान में रखते हुए मसौदा तैयार किया गया है
10वीं अनुसूची में (Anti-Defection Law) का प्रावधान है, ये वर्ष 1985 में 52वें संविधान संशोधन के द्वारा लाया गया है
भारतीय संविधान की 10वीं अनुसूची में 'दल बदल विरोधी कानून' (Anti-Defection Law) कहा जाता है, ये वर्ष 1985 में 52वें संविधान संशोधन के द्वारा लाया गया है।
मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरई पीठ ने हाल ही में एक फैसला सुनाते हुए यह कहा है कि यदि कोई भी उच्च न्यायालय किसी केंद्रीय कानून या नियम को असंवैधानिक बताती है, तो उसका मान पूरे देश में किया जाएगा, हर हाईकोर्ट उसे मानेगा।
पीड़िता इस साल फरवरी में लापता हो गई थी और तीन महीने बाद पुलिस ने उसे राजस्थान में एक व्यक्ति के साथ पाया था
दुष्कर्म पीड़िता की जांच करने वाले चिकित्सा दल ने कहा था कि अगर गर्भपात की प्रक्रिया को अंजाम दिया जाता है, तो भी बच्चा जीवित पैदा हो सकता है
इलाहाबाद हाई कोर्ट लिव-इन रिलेशन से जुड़े एक मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि इसे सुप्रीम कोर्ट भी बढ़ावा नहीं देता
मानहानि (Defamation) भारतीय कानून के तहत दंडनीय अपराध है। मानहानि से जुड़े दो शब्द 'अपमान लेख' (Libel) और 'अपमान वचन' (Slander) की टॉर्ट लॉ के तहत परिभाषा क्या है और इनके बीच का मूल अंतर क्या है, आइए समझते हैं
न्यायमूर्ति मुश्ताक ने कहा कि मुकदमेबाजी कानूनी पेशे का एक छोटा सा हिस्सा है और किसी की क्षमता और भविष्य की स्थिति उसके विचारों पर निर्भर करती है और वह बदलते समय के प्रति कैसे प्रतिक्रिया जताता है।
बीते लंबे वक्त से सिर में चोट लगने के बाद से कई शारीरिक समस्याओं से जुझ रहे जफरयाब जिलानी ने बुधवार सुबह लखनऊ में अंतिम सांस ली. 73 वर्षिय जिलानी को ऐशबाग के कब्रिस्तान में उन्हें देर शाम सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा
पेंशन के लाभ के लिए कम से कम 10 साल की नियमित सेवा अनिवार्य है. लेकिन तीन से चार साल की स्थायी सेवा वाले कार्मिकों ने अपनी पूर्व की 10 से 15 वर्ष की अस्थायी सेवाओं को पेंशन के लिए जोड़ने की मांग की.
Bombay Lawyers Association की ओर से दायर की गई इस जनहित याचिका में देश की न्यायपालिका, सुप्रीम कोर्ट और कॉलेजियम के खिलाफ की गई टिप्पणियों के लिए दोनो के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध किया गया था.
केंद्र सरकार ने 01 जून 2016 से कंपनी अधिनियम, 2013 (2013 का 18) की धारा 408 के तहत राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) का गठन किया.
केंद्र की ओर से AG आर वेंकटरमनी ने अदालत में सरकार का पक्ष रखते हुए कहा है कि केन्द्र सरकार इस बात की जांच करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति नियुक्त करने पर विचार कर रही है कि कानून के मौजूदा प्रावधानों के अनुसार फांसी की सजा पाने वाले सजायाफ्ता कैदियों को फांसी देने के लिए कम दर्दनाक तरीका खोजा जा सकता है या नहीं.
Supreme Court Collegium ने विगत 9 फरवरी को ही Justice TS Sivagnanam को कोलकोता हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाने को लेकर केन्द्र को सिफारिश भेजी थी. केन्द्र सरकार ने 29 मार्च को पहले इन्हे कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया और एक माह बाद अब मुख्य न्यायाधीश के पद की सिफारिश को मंजूरी दी है.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया सहित अन्य याचिकाकर्ताओं की ओर से दायर 16 याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने कहा कि इसे लेकर संसद के मानसून सत्र में प्रस्ताव पेश किया जा सकता है.
हाईकोर्ट ने कहा कि जीवित रहते भरण-पोषण का बकाया मृत बेटी की संपत्ति थी और उसकी मृत्यु के बाद, कानूनी अभिभावक होने के नाते उसकी मां इस संपत्ति की हकदार है.
Delhi High Court ने सभी टेलीविजन चैनलों और अन्य सभी मीडिया संगठनों को श्रद्धा वाकर हत्या केस की चार्जशीट की सामग्री प्रदर्शित करने या प्रकाशित करने से रोक दिया है.कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि उसके आदेश में नार्कोएनालिसिस के ऑडियो और सीसीटीवी फुटेज भी शामिल हैं, जिन्हें मीडिया को भी नहीं दिखाना चाहिए.
कई बार आपने देखा होगा कि किसी वस्तु का दाम बहुत कम हो जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह किस कानून के तहत किया जाता है.
रियल एस्टेट डेवलपर को प्रोजेक्ट फंड का लगभग 70% एक अलग Escrow Account (यह एक बैंकिंग खाता है, जहां लेनदेन के लिए कुछ शर्तों को पूरा करने तक परिसंपत्ति का मूल्य रखा जाता है) में ट्रांसफर करना होगा, जिसका उपयोग वह केवल निर्माण उद्देश्यों के लिए कर सकता है
Supreme Court ने केन्द्र द्वारा गठित 3 सदस्यीय आयोग की रिपोर्ट का इंतजार करने से इंकार करते हुए कहा कि वह जुलाई में इस बात पर विचार करेगा कि क्या सरकार द्वारा स्वीकार ना की जाने वाली कमीशन की रिपोर्ट पर भरोसा किया जा सकता है?
खरीदार और बिल्डर के बीच बिल्डर खरीदार एग्रीमेंट (Builder Buyer Agreement) एक ऐसी ही प्रक्रिया है। यह एकमात्र दस्तावेज है जो खरीदार के अधिकारों की रक्षा करता है और इसलिए लोगों को हर चीज के बारे में स्पष्ट होने के साथ इसे ध्यान से पढ़ना चाहिए. यह किसी भी घर खरीदार के लिए सबसे महत्वपूर्ण कानूनी दस्तावेजों में से एक है.
अक्सर लोग सिर्फ बदला लेने के लिए झूठे आरोप लगाते हैं और किसी के खिलाफ झूठा मामला शुरू कर देते हैं. यह कानून का पूरी तरह से दुरुपयोग है जो कुछ लोगो द्वारा किया जाता है लेकिन कानून में ऐसे प्रावधान हैं जिनका इस्तेमाल ऐसे लोगों के खिलाफ किया जा सकता है.
Law Minister Kiren Rijiju ने शुक्रवार को Gauhati High Court की 75 वीं वर्षगांठ पर आयोजित हो रहे प्लेटिनम जुबली समारोह को संबोधित कर रहे थे.
अगर आपसे पूछा जाए कि Banking sector में वकीलों का क्या काम होता है ? तो शायद आप में से ज्यादातर लोग यही कहेंगें, बैंक के लिए कानूनी सलाह देना और कोर्ट में बैंक का प्रतिनिधित्व करना. लेकिन बात सिर्फ इतनी सी नहीं है. Lawyers के लिए बैंकिंग क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की भूमिकाएं है. इसमें बैंक से लेकर ग्राहकों तक को सुविधाएं प्रदान करने से जुड़े काम है.
बैटरी और असाल्ट दोनों ही अपराध हैं, वे समान नहीं हैं और अलग हैं. लोगों के लिए दोनों शब्दों का उपयोग सामान रूप से करना आम बात है जैसे कि वे सामान हों, जब की दोनों में महत्वपूर्ण अंतर है.
Platinum Jubilee celebrations के दोरान मुख्यमंत्री ने गुवाहाटी हाईकोर्ट के इतिहास को लेकर हाईकोर्ट प्रशासन द्वारा जारी की गई "गुवाहाटी हाईकोर्ट: इतिहास और विरासत" पुस्तक के असमिया संस्करण का विमोचन किया. Law Minister Kiren Rijiju ने डाक विभाग द्वारा तैयार किए गए गुवाहाटी हाईकोर्ट के स्मारक का डाक टिकट जारी किया.