'राम राज्य में ऐसा नहीं होता था', सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज ने ये क्यों कहा? मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा में भी गए थे
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस व मानवाधिकार आयोग के वर्तमान अध्यक्ष अरूण मिश्रा ने राम राज्य का हवाला देते हुए कहा कि उस दौर में बिना चर्चा और डिबेट के संसद से बिल पास नहीं होता था. धर्म की राजनीति और अमीर और गरीब के बीच में कोई भेदभाव नहीं होता था.