नकली करेंसी नोट बनाना, रखना या इस्तेमाल करना है कानून के तहत अपराध - जानिये सजा
भारतीय दंड संहिता के तहत करेंसी नोट की जालसाजी की क्या सजा है और हाल ही में इससे जुड़ा कौनसा बड़ा मामला सामने आया है, डिटेल में जानिए
भारतीय दंड संहिता के तहत करेंसी नोट की जालसाजी की क्या सजा है और हाल ही में इससे जुड़ा कौनसा बड़ा मामला सामने आया है, डिटेल में जानिए
केजरीवाल और सिंह की ओर से बुधवार को पेश हुए उनके वकीलों ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट जयेश चोवटिया की अदालत में अपने-अपने मुवक्किलों को पेशी से छूट का अनुरोध करते हुए एक अर्जी दी और शिकायत से संबंधी दस्तावेज देने का अनुरोध किया.
28 अगस्त, 2013 को मुजफ्फरनगर में साम्प्रदायिक संघर्ष के मामले में पुलिस ने सैनी सहित 27 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था.
भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के डीक्रिमिनलाइज होने के बाद भारत में सेम-सेक्स कपल्स को लिव-इन रिलेशनशिप में रहने पर क्या आधिकार मिलते हैं?
राजस्थान पुलिस की विशेष शाखा ‘स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप’ ने एक ऑनलाइन कंपनी से डाटा चुराकर उसे ब्लैकमेल करने वाले साइबर अपराधी को गिरफ्तार किया
सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (Information Technology Act ) की धारा 66 में कंप्यूटर से संबंधित अपराध के बारे में बताया गया है.
सांसद-विधायक अदालत की विशेष न्यायाधीश तपस्या त्रिपाठी ने शुक्रवार को दोनों पक्ष की दलील सुनने के बाद पूर्व मंत्री उपेंद्र तिवारी समेत चार आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है.
केंद्रीय जांच एजेंसी ने जगदीश टाइटलर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के कई धाराओं के तहत आरोपपत्र दाखिल किए हैं.
मामले की सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा, ‘‘किसी अदालत को केवल इस आधार पर यांत्रिक रूप से कार्य नहीं करना चाहिए कि जिस व्यक्ति को समन किया जाना है, उसकी संलिप्तता को लेकर कुछ साक्ष्य सामने आए हैं. ’’
WFI प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ IPC और POCSO अधिनियम के कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है.
भारत के विधि आयोग ने भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए की सजा को बढ़ाने की अनुशंसा की है। आयोग के अध्यक्ष जस्टिस ऋतु राज अवस्थी का 'राजद्रोह' के बारे में क्या कहना है, जानिए
भारत के विधि आयोग ने अपनी नई रिपोर्ट में भारतीय दंड संहिता की धारा 224A यानी राजद्रोह को बरकरार रखने की अनुशंसा की है, साथ ही, इसकी सजा को बढ़ाने का भी सुझाव दिया है
ऐसे किसी भी शख्स की पहचान नहीं की गई जिसका रास्ता आरोपी के कृत्य से बाधित हुआ हो या उसे कोई परेशानी हुई हो. अदालत ने यह भी कहा कि किसी भी आम आदमी को गवाह नहीं बनाया गया.
भारतीय दंड संहिता की धारा 325 के तहत क्या आरोप लगाए जाते हैं, उससे क्या होता है और इस दंड की सजा क्या है, आइए सबकुछ जानते हैं
आरोपित व्यक्ति उसकईकर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 365 (अपहरण) और 392 (लूटपाट) सहित विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज मुकदमे की सुनवाई की जा रही थी.
आरोपी बिजॉय बिन जो की हैलाकांडी जिले के धोलासीत गांव का निवासी है, के खिलाफ पुलिस ने पिछले साल 18 जनवरी को मामला दर्ज किया था.
अक्सर सुनने में आता है कि किसी व्यक्ति ने दो शादियां की थी तो उसे जेल जाना पड़ा लेकिन उसके उलट यह भी सुनाई पड़ता है दो शादीयों के बावज़ूद अन्य व्यक्ति को सजा नहीं हुई? ऐसे में सवाल उठता है कि क्या हमारे देश में दो बार शादी करना या द्विविवाह अपराध है या नहीं, इसे समझते हैं की ऐसा क्यों होता है?
क्या हमारे देश में दो - दो शादियां करना एक अपराध के श्रेणी में आता है. इसे लेकर अलग- अलग लोग के मन में अलग- अलग धारणाएं बनी हुई हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हर बार दो शादियां करना अपराध के श्रेणी में नहीं आता.
अपराध कोई भी हो वह समाज पर गलत प्रभाव ही डालता है. परन्तु कुछ अपराधों की केवल कल्पना, हमें भयभीत कर देती है. वैसा ही एक अपराध है Acid Attack. आइए जानते हैं क्या है IPC के तहत एसिड हमलों के खिलाफ दंड के प्रावधान.
अगर आपसे कभी कानून का उल्लंघन हो जाए तो क्या आप अपराधी माने जाएंगे, इससे संबंधित मामलों के लिए कानून में कई तरह के नियम बनाए गए हैं.
किसी और की संपत्ति को अपना बताना गलत है और हमारे कानून ने तो इसे अपराध बताया है,लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर कोई किसी मृत व्यक्ति के गहने को गलत मंशा के साथ अपना बताता है तो क्या उसे अपराध माना जाएगा.
सोशल मीडिया पर लोग अपने मन की बात सबके सामने जाहिर करते हैं. लेकिन कुछ लोग ये भूल जाते हैं कि उन्हे क्या लिखना है और क्या नहीं और यही उन्हें भारी पड़ जाता है .
जाहिर सी बात है अगर कोई आपके नाम का इस्तेमाल कर कोई गलत काम करेगा तो आपका नाम खराब हो सकता है समाज में आपकी छवि खराब हो सकती है. तो ऐसे में पीड़ित के पास आईपीसी की धारा 499 और 500 उपलब्ध है.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के महाराष्ट्र के नागपुर में स्थित घर और कार्यालय पर एक व्यक्ति ने 10 करोड़ रुपये नहीं देने पर भाजपा के वरिष्ठ नेता को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी. गडकरी ने समाचार एजेंसी को बताया कि फोन करने वाले ने अपना नाम जयेश पुजारी उर्फ जयेश कांत बताया है.
कुछ दिन बाद व्यवसायी को एक संदेश मिला कि ‘‘अनुबंध समाप्त होने की वजह से’’ उनकी बिटकॉइन सेवाएं बंद हो गई हैं. तभी दोनों आरोपी भी फरार हो गए, जिसके बाद व्यवसायी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.
कानून की जानकारी न होने के कारण, पीछा किया जाना, सिटि बजाना, छिप कर देखना आदि जैसे अपराधों को हम अक्सर अनदेखा कर देते हैं. इस तरह के अपराधों के विषय में महिलाओं को जागरूक और सतर्क रहना चाहिए और यथाशीघ्र शिकायत दर्ज कराना चाहिए.
उच्चाधिकारियों का आदेश वैध होना चाहिए. अगर उसके उच्चाधिकारियों ने उसे कुछ अवैध करने को कहा है तो उसकी यह ज़िम्मेदारी है की वह वो काम न करे वरना वो, उस काम के लिए कानूनी तौर पे उत्तरदायी होगा.
अभियुक्त को दोषमुक्त या दोषी ठहराए जाने के समर्थन में दिए गए कारणों के साथ अदालत द्वारा निर्णय दिया जाता है. यदि अभियुक्त को बरी कर दिया जाता है, तो अभियोजन पक्ष को अदालत के आदेश के खिलाफ अपील करने का समय दिया जाता है.
पति या पत्नी के रहते हुए भी बिना तलाक लिए दूसरी बार विवाह करना एक अपराध है जिसके लिए दोषी मान कर कानूनन सजा भी दी जा सकती है.
किसी का अपहरण करना एक संगीन अपराध है, जिसके लिए पकड़े जाने पर दोषी को कठोर सजा भी दी जाती है. बहुत कम लोग ये जानते हैं कि किडनैपिंग और अपहरण में अंतर होता है.
National Crime Record Bureau (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार साल 2022 तक अकेले स्टॉकिंग के तकरीबन 14,175 ऐसे मामले थे जिनकी जांच चल रही थी. 9,285 ऐसे मामले थे जो पिछले साल दर्ज किए गए थे. जबकि 4,890 ऐसे मामले थे जिनकी जांच शुरु भी नहीं हुई थी.
आईपीसी की धारा 309 के अनुसार अगर कोई व्यक्ति अपनी जान लेने की कोशिश करता है और अगर वो बच जाता है तो उसे एक निश्चित अवधि के लिए कारावास की सजा दी जाएगी. इसके अलावा अगर कोई किसी को आत्महत्या के लिए बहकाता है तो वो भी अपराध माना जाएगा लेकिन अगर बहकावे में आने वाला व्यक्ति कोई बच्चा हो तो क्या आप जानते हैं कि दोषी को क्या सजा मिलेगी.
किसी से जबरन उसका सामान ले लेना या उसे लूट लेना एक गैर कानूनी कार्य है. जिसके लिए दोषी पाए जाने पर कानून सख्त सजा भी देती है ताकि ऐसा अपराध कोई दोबारा करने की हिम्मत ना करे.
राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश डीआईजी विनय सिंह ने मालीवाल और तीन अन्य प्रोमिला गुप्ता, सारिका चौधरी और फरहीन मलिक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी के तहत आपराधिक साजिश रचने और धारा 13 के तहत अन्य अपराधों के लिए आरोप तय किए थे.
अगर किसी की वजह से किसी को शारीरिक दर्द हो रहा है तो वह व्यक्ति कानूनी रूप से दोषी माना जाएगा, जिसके लिए उसे सजा भी दी जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के उस आदेश को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की, जिसमें भूमि बिक्री से संबंधित मामले में एक व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 120B (आपराधिक षड्यंत्र) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत दायर प्राथमिकी निरस्त करने से इनकार कर दिया गया था.