कानून की नजरों में दहेज एक अपराध, गंभीर है सजा!
भारत में दहेज प्रथा और दहेज हत्या के खिलाफ क्या कानून हैं और इनके तहत आरोपियों के लिए क्या सजा तय की गई है? जानिए
भारत में दहेज प्रथा और दहेज हत्या के खिलाफ क्या कानून हैं और इनके तहत आरोपियों के लिए क्या सजा तय की गई है? जानिए
दहेज न मिलने पर, एक विवाहित महिला की उसके पति और ससुर ने हत्या कर दी जिसपर अब अदालत ने फैसला सुनाया है। भारत में दहेज प्रथा के खिलाफ क्या कानून हैं और सजा क्या निर्धारित की गई है, जानिए
शादी के बाद एक विवाहित महिला को प्रति क्रूरता वाला बर्ताव करने वाले को कानून के तहत क्या सजा मिलती है और इस कानून का फायदा उठाने वालों के साथ कैसे डील किया जाता है, जानिये यहां.
भारतीय दंड संहिता के तहत करेंसी नोट की जालसाजी की क्या सजा है और हाल ही में इससे जुड़ा कौनसा बड़ा मामला सामने आया है, डिटेल में जानिए
दोषी दीपक कुमार पर 11 जुलाई 2017 को एक नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर अपने साथ भगा ले जाने का आरोप तय हुआ है.
भारत के विधि आयोग ने भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए की सजा को बढ़ाने की अनुशंसा की है। आयोग के अध्यक्ष जस्टिस ऋतु राज अवस्थी का 'राजद्रोह' के बारे में क्या कहना है, जानिए
भारत के विधि आयोग ने अपनी नई रिपोर्ट में भारतीय दंड संहिता की धारा 224A यानी राजद्रोह को बरकरार रखने की अनुशंसा की है, साथ ही, इसकी सजा को बढ़ाने का भी सुझाव दिया है
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने केंद्र से मांग की है कि वो 'शवों से दुष्कर्म' को एक दंडनीय अपराध की श्रेणी में लाएं और भारतीय दंड संहिता में इसे लेकर संशोधन करें
ऐसे किसी भी शख्स की पहचान नहीं की गई जिसका रास्ता आरोपी के कृत्य से बाधित हुआ हो या उसे कोई परेशानी हुई हो. अदालत ने यह भी कहा कि किसी भी आम आदमी को गवाह नहीं बनाया गया.
कर्नाटक हाईकोर्ट ने केंद्र से कहा है कि उन्हें IPC में या तो संशोधन करना चाहिए या फिर नए प्रावधानों को लाना चाहिए जिससे उन लोगों को कड़ी सजा मिल सके जो शवों के साथ दुष्कर्म कर रहे हैं.
लोक अभियोजक योगेश यादव ने भाषा को बताया कि जिला अदालत ने कांग्रेस नेता की याचिका को आंशिक रूप से विचारार्थ स्वीकार कर लिया और वारंट को जमानती वारंट में बदल दिया.
क्या हमारे देश में दो - दो शादियां करना एक अपराध के श्रेणी में आता है. इसे लेकर अलग- अलग लोग के मन में अलग- अलग धारणाएं बनी हुई हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हर बार दो शादियां करना अपराध के श्रेणी में नहीं आता.
हमारे देश में संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत सभी नागरिकों को अपनी बात रखने की आजादी है लेकिन अनुच्छेद 19 (2) के अंतर्गत कुछ प्रतिबंध भी है जैसे कोई व्यक्ति किसी सार्वजनिक जगह पर कुछ ऐसा नहीं बोल सकता जिससे किसी की धार्मिक भावना आहत हो, या शांति भंग हो.
बलात्कार जैसे अपराध पर लगाम लगाने के लिए देश के कानून को सख्त कर दिया गया है. आइए नज़र डाले उन धाराओं पर जिंसके तहत दोषियों को मिलती है सज़ा.
शायद ही ऐसा दिन होगा जब अखबार में बलात्कार की कोई खबर ना आए. ऐसे अपराध पर लगाम लगाने के लिए ही देश के कानून को सख्त कर दिया गया है.
पत्नी के साथ क्रूरता करने पर भारतीय दंड संहिता के तहत कारावास और जुर्माने से किया जाएगा दण्डित
खाने में नमक कम हो तो मार पीट, पत्नी ज्यादा पढ़ी लिखी है तो नौकरी करने पर रोक, दहेज के नाम पर हत्या आदि इस तरह के अपराध लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं.
पुलिस थाने का भारसाधक अधिकारी (Officer in Charge) पुलिस रिपोर्ट पर उस अपराध का संज्ञान करने के लिए सशक्त मजिस्ट्रेट को राज्य सरकार द्वारा विहित प्रारूप में एक रिपोर्ट भेजेगा.
लोक अभियोजक योगेश यादव ने भाषा को बताया कि जिला अदालत ने कांग्रेस नेता की याचिका को आंशिक रूप से विचारार्थ स्वीकार कर लिया और वारंट को जमानती वारंट में बदल दिया.
क्या हमारे देश में दो - दो शादियां करना एक अपराध के श्रेणी में आता है. इसे लेकर अलग- अलग लोग के मन में अलग- अलग धारणाएं बनी हुई हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हर बार दो शादियां करना अपराध के श्रेणी में नहीं आता.
हमारे देश में संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत सभी नागरिकों को अपनी बात रखने की आजादी है लेकिन अनुच्छेद 19 (2) के अंतर्गत कुछ प्रतिबंध भी है जैसे कोई व्यक्ति किसी सार्वजनिक जगह पर कुछ ऐसा नहीं बोल सकता जिससे किसी की धार्मिक भावना आहत हो, या शांति भंग हो.
शायद ही ऐसा दिन होगा जब अखबार में बलात्कार की कोई खबर ना आए. ऐसे अपराध पर लगाम लगाने के लिए ही देश के कानून को सख्त कर दिया गया है.
खाने में नमक कम हो तो मार पीट, पत्नी ज्यादा पढ़ी लिखी है तो नौकरी करने पर रोक, दहेज के नाम पर हत्या आदि इस तरह के अपराध लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं.
पुलिस थाने का भारसाधक अधिकारी (Officer in Charge) पुलिस रिपोर्ट पर उस अपराध का संज्ञान करने के लिए सशक्त मजिस्ट्रेट को राज्य सरकार द्वारा विहित प्रारूप में एक रिपोर्ट भेजेगा.
बैटरी और असाल्ट दोनों ही अपराध हैं, वे समान नहीं हैं और अलग हैं. लोगों के लिए दोनों शब्दों का उपयोग सामान रूप से करना आम बात है जैसे कि वे सामान हों, जब की दोनों में महत्वपूर्ण अंतर है.
उच्चाधिकारियों का आदेश वैध होना चाहिए. अगर उसके उच्चाधिकारियों ने उसे कुछ अवैध करने को कहा है तो उसकी यह ज़िम्मेदारी है की वह वो काम न करे वरना वो, उस काम के लिए कानूनी तौर पे उत्तरदायी होगा.
पति या पत्नी के रहते हुए भी बिना तलाक लिए दूसरी बार विवाह करना एक अपराध है जिसके लिए दोषी मान कर कानूनन सजा भी दी जा सकती है.
केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री द्वारा लोकसभा में दिए गए जवाब के अनुसार इस प्रक्रिया के लिए दिल्ली एलएलयू उपकुलपति की अध्यक्षता में एक समिति का भी गठन किया गया है.
National Crime Record Bureau (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार साल 2022 तक अकेले स्टॉकिंग के तकरीबन 14,175 ऐसे मामले थे जिनकी जांच चल रही थी. 9,285 ऐसे मामले थे जो पिछले साल दर्ज किए गए थे. जबकि 4,890 ऐसे मामले थे जिनकी जांच शुरु भी नहीं हुई थी.
किसी से जबरन उसका सामान ले लेना या उसे लूट लेना एक गैर कानूनी कार्य है. जिसके लिए दोषी पाए जाने पर कानून सख्त सजा भी देती है ताकि ऐसा अपराध कोई दोबारा करने की हिम्मत ना करे.
हमारे कानून में केवल गैरकानूनी जमीन की खरीद बिक्री करना, या उस पर कब्जा करना ही अपराध की श्रेणी में नहीं आता है बल्कि अवैध रूप से जमीन की बोली लगाना भी एक अपराध है.
एक पब्लिक सर्वेंट के आदेश की अवहेलना करना या उनके काम में बाधा डालना एक अपराध है. दोषी पाए जाने पर कानूनी रूप से वह व्यक्ति दंडित किया जाता है.
अगर कोई व्यक्ति किसी लोक सेवक के कहने पर सच बोलने की शपथ या प्रतिज्ञा नहीं लेता है या इंकार कर देता है वह दोषी माना जाएगा. जिसके लिए उसे सजा भी प्राप्त हो सकती है.
कानून से झूठ बोलना, या कानूनी प्रक्रिया में इस्तेमाल होने वाले दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ करना अपराध है जिसके लिए कानून सख्त सजा देता है.
अगर कोई व्यक्ति ये कहता है कि उसे उस बात पर विश्वास है जिस पर उसे विश्वास नहीं है, या फिर ये कहना कि वह उस बात को जानता है बल्कि वह नहीं जानता, वह भी इस धारा के तहत मिथ्या साक्ष्य देने का दोषी पाया जाएगा.
अगर कोई व्यक्ति लोक सेवक का आदेश न मानकर गैर-हाजिर रहता है तो वो अपराधी माना जाएगा और IPC के तहत वह सजा का भागीदार होगा