'भगवान शिव को हमारी प्रोटेक्शन की जरूरत नहीं', वजह बता कर दिल्ली हाईकोर्ट ने मंदिर तोड़ने की इजाजत दे दी
प्राचीन शिव मंदिर एवम अखाड़ समिति की याचिका को अस्वीकार करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने प्राचीन शिव मंदिर को ध्वस्त करने की इजाजत DDA को दी है.
प्राचीन शिव मंदिर एवम अखाड़ समिति की याचिका को अस्वीकार करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने प्राचीन शिव मंदिर को ध्वस्त करने की इजाजत DDA को दी है.
तमिलनाडु राज्य ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए 37000 करोड़ रूपये की बाढ़ राशि दिलाने की मांग की है.
तुर्की और सीरिया में भूकंप के रूप में प्रकृति ने जो तबाही मचाई है उसे आज पूरी दुनिया महसूस कर रहा है. कहा जाता है कि प्रकृति से कभी भी हम लड़ नहीं सकते लेकिन बेहतर उपायों के माध्यम से उनसे बचाव करने की कोशिश कर सकते हैं साथ ही इन आपदाओं से हुए नुकसान को भी किया जा सकता है. दुनिया भर के देशों नें इस तरह की आपदा से निपटने के लिए अपने - अपने देशों में न केवल आपदा प्रबंधन के लिए विशेष विभाग गठित कर रखें है बल्कि ऐसे समय में आम नागरिकों की सुरक्षा के कई कानून भी बनाए है. हमारे देश में भी इन परिस्थितियों से निपटने के लिए प्राकृतिक आपदा अधिनियम 2005 बनाया गया है. आइए समझते हैं इस अधिनियम में किए गए प्रावधानों को.
एक्ट ऑफ गॉड या लैटिन भाषा में विस मेजर, को ‘भूकंप, बाढ़, या बवंडर जैसी प्राकृतिक स्थितियों के कारण भीषण और इंसान के काबू से बाहर वाली घटनाओं के तौर पर परिभाषित किया गया है.
प्राचीन शिव मंदिर एवम अखाड़ समिति की याचिका को अस्वीकार करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने प्राचीन शिव मंदिर को ध्वस्त करने की इजाजत DDA को दी है.
तमिलनाडु राज्य ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए 37000 करोड़ रूपये की बाढ़ राशि दिलाने की मांग की है.
एक्ट ऑफ गॉड या लैटिन भाषा में विस मेजर, को ‘भूकंप, बाढ़, या बवंडर जैसी प्राकृतिक स्थितियों के कारण भीषण और इंसान के काबू से बाहर वाली घटनाओं के तौर पर परिभाषित किया गया है.