Centre is not Releasing Funds: राज्य और केन्द्र के बीच विवाद कोई नया नहीं है.
शायद यह भी कि केन्द्र और राज्य के बीच की लड़ाई बिना न्यायपालिका के निर्देश दिए सुलझ सकें, मुश्किल ही है. कर्नाटक राज्य के बाद अब तमिलनाडु राज्य ने आपदा राशि की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. अब आपदा राहत फंड को लेकर तमिलानडु और केन्द्र आमने-सामने हैं. विवाद बाढ़ राहत की राशि देने से जुड़ा है. तमिलनाडु राज्य ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए 37000 करोड़ रूपये की बाढ़ राशि दिलाने की मांग की है. राज्य ने सुप्रीम कोर्ट से निर्देश की मांग करते हुए केन्द्र से इस आपदा फंड को दिलाने की बात कही है.
तमिलनाडु राज्य ने सुप्रीम कोर्ट में केन्द्र से फंड दिलाने की मांग की है. राज्य ने कहा, केन्द्र को करीब 37 हजार करोड़ रूपये की राशि देनी है. इस कुल जमा राशि में 19,692.69 करोड़ रूपये दिसंबर, 2023 में साइक्लोन मिचौंग से हुई क्षति एवं 18,214.52 करोड़ रूपये राज्य के दक्षिणी इलाके में भारी बारिश के चलते हुए क्षति में राज्य को राहत राशि के तौर पर मिलना है. केन्द्र ने अब तक कोई फंड रिलीज नहीं की है.
तमिलनाडु राज्य ने बताया. केन्द्र को फंड रिलीज करने के लिए कई बार निवेदन किया गया है. वहीं, केन्द्र की तरफ से कोई उचित पहल नहीं की गई है.
तमिलनाडु सरकार ने याचिका में कहा,
"फंड रिलीज करने में देरी करने का कोई औचित्य नहीं है. अन्य की तुलना में केन्द्र राज्य का फंड रिलीज करने में अलग बर्ताव कर रही है. यह आपदाओं में पीड़ित लोगों के मौलिक अधिकार का हनन है. यह व्यवहार आपदा प्रबंधन नीति का उल्लंघन करता है जिसमें वित्तीय संबंध और कर विभाजन की संघीय प्रवृति शामिल है."
इस याचिका को सीधे सुप्रीम कोर्ट में ही लाया गया है.तमिलनाडु राज्य ने इस याचिका को मूल मुकदमे के तौर पर पेश किया है.
तमिलनाडु दूसरा राज्य है, पहला कर्नाटक है जिसने केन्द्र से आपदा राहत राशि की मांग के लिए सुप्रीम कोर्ट का रूख किया है. कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने केन्द्र से आपदा राशि के तौर 18,171.44 करोड़ रूपये की राहत राशि देने की मांग की है.