आपके खिलाफ FIR दर्ज हुई है तो खुद को कैसे बेगुनाह साबित कर सकते हैं, जानिए
किसी मामले में अगर आपके खिलाफ कोई एफआईआर दायर की गई है तो आपका पहला कदम क्या होना चाहिए? अपने आप को बेगुनाह साबित करने के लिए आपको क्या करना होगा, जानिए
किसी मामले में अगर आपके खिलाफ कोई एफआईआर दायर की गई है तो आपका पहला कदम क्या होना चाहिए? अपने आप को बेगुनाह साबित करने के लिए आपको क्या करना होगा, जानिए
जब कभी आपके पास पुलिस थाने से कोई फोन कॉल आता है और आपको पता चलता है कि आपके विरुद्ध एफआईआर दर्ज हुई है और आपको थाने आने के लिये कहा जाता है
जब कभी आपके पास पुलिस थाने से कोई फोन कॉल आता है और आपको पता चलता है कि आपके विरुद्ध एफआईआर दर्ज हुई है और आपको थाने आने के लिये कहा जाता है तो ऐसे में आपको क्या करना चाहिए।
किसी अपराध की पुलिस में शिकायत दर्ज करवाने के लिए आपको एक फर्स्ट इन्फॉर्मेशन रिपोर्ट (FIR) दर्ज करनी होती है। भारतीय कानून के तहत एफआईआर की परिभाषा क्या है, इसे कब दायर किया जा सकता है और कैसे, आइए जानते हैं
प्रथम सूचना रिपोर्ट यानी एफआईआर क्या होती है, इसे कब और कैसे दायर किया जा सकता है; आइए जानते हैं
आईए जानते है देश के आम नागरिक से जुड़े कुछ कानून के बारे में जिनकी जानकारी होना ही आपके लिए एक ताकत से कम नहीं हैं.
उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री टीएस रावत के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों के संबंध में हाईकोर्ट ने पत्रकारों सहित तीन लोगो के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया था. हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील पेडिंग रहते हुए पुलिस ने क्लोजर रिपोर्ट पेश की थी.
जहां एक ओर सर्वोच्च न्यायालय केवल मौलिक अधिकारों के हनन की स्थिति में ही रिट जारी कर सकता है, वहीं उच्च न्यायालय को किसी अन्य उद्देश्य के लिये भी रिट जारी करने का अधिकार है.
2021 के टी-20 वर्ल्ड कप में भारतीय क्रिकेट टीम की पाकिस्तान और न्यूजीलैंड से मैच हारने से नाराज रामनागेश श्रीनिवास अकुबाथिनी ने कथित तौर पर सोशल मीडिया पर विराट कोहली की बेटी वामिका को लेकर अपमानजक टिप्पणी की. विवादित ट्वीट में विराट की 9 महीने की बेटी से बलात्कार की धमकियां दी गईं.
पुलिस थाने का भारसाधक अधिकारी (Officer in Charge) पुलिस रिपोर्ट पर उस अपराध का संज्ञान करने के लिए सशक्त मजिस्ट्रेट को राज्य सरकार द्वारा विहित प्रारूप में एक रिपोर्ट भेजेगा.
पत्रकार ने बॉलीवुड एक्टर सलमान खान और उनके बॉडीगार्ड नवाज शेख पर मारपीट करने और दुर्व्यहार करने का आरोप लगाया था.पुलिस की जांच रिपोर्ट के बाद अदालत ने समलान को इस मामले में समन जारी किया था.
अभियुक्त को दोषमुक्त या दोषी ठहराए जाने के समर्थन में दिए गए कारणों के साथ अदालत द्वारा निर्णय दिया जाता है. यदि अभियुक्त को बरी कर दिया जाता है, तो अभियोजन पक्ष को अदालत के आदेश के खिलाफ अपील करने का समय दिया जाता है.
कई बार लोग डर से, या पहचान छुपाने के लिए पुलिस स्टेशन में जाकर FIR (first Information report) दर्ज नहीं करते, इसलिए डिजिटल के इस युग में वो अब online FIR भी दर्ज कर सकते है.
पुलिस अधीक्षक/पुलिस कमिश्नर द्वारा भी कोई जांच नहीं करने की स्थिती में शिकायतकर्ता न्यायिक मजिस्ट्रेट (JMFC) के समक्ष शिकायत दर्ज़ करवाने के लिए आवेदन दायर कर सकता है.
सीआरपीसी के अनुसार अपराध को दो भागों में बांटा गया हैं. संज्ञेय अपराध प्रकृति में गंभीर एवं संगीन प्रकृति के होते हैं. इस तरह के अपराध के मामलों में पीड़ित की और से सरकार द्वारा मुकदमा लड़ा जाता है.
फर्स्ट इनफार्मेशन रिपोर्ट यानी FIR किसी भी अपराध या वारदात की पहली जानकारी जो कोई भी व्यक्ति पुलिस के पास दर्ज कराता है. एक बार किसी पुलिस थाने में दर्ज कि गयी एफआईआर को केवल अदालत द्वारा ही रद्द कराया जा सकता है या फिर राज्य की कैबिनेट से एप्रूवल के बाद ही समाप्त किया जा सकता है.