DHFL Case: Supreme Court से ED को बड़ा झटका, Bombay High Court के आदेश के खिलाफ दायर अपील खारिज
Supreme Court ने अपने फैसले में कहा है कि “रिमांड अवधि की गणना उस तारीख से की जाएगी, जिस तारीख से आरोपी को मजिस्ट्रेट रिमांड पर लेते हैं. यदि रिमांड अवधि के 61वें या 91वें दिन तक आरोप पत्र दायर नहीं किया जाता है तो एक आरोपी डिफ़ॉल्ट जमानत का हकदार हो जाता है.