पैरोल कब रद्द किया जा सकता है- जानिये
पैरोल आमतौर पर अच्छे व्यवहार के बदले में एक सजा की समाप्ति से पहले एक कैदी की अस्थायी या स्थायी रिहाई को कहा जाता है.
पैरोल आमतौर पर अच्छे व्यवहार के बदले में एक सजा की समाप्ति से पहले एक कैदी की अस्थायी या स्थायी रिहाई को कहा जाता है.
कर्नाटक हाईकोर्ट ने हाल ही में एक मामले में पुलिस को आदेश दिया है कि वो उसकी ऑफिस की फीस और अन्य फायदे रोक दें। इसके पीछे की वजह क्या है और ऐसा अदालत ने क्यों कहा है, आइए जानते हैं
सिसोदिया को घोटाले में कथित भूमिका के लिए सबसे पहले 26 फरवरी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था और वह तब से हिरासत में हैं.
कोर्ट के अनुसार हिंदू कानून के विपरीत मुस्लिम कानून में बच्चे को गोद लेने की कोई प्रथा नहीं है, जिसे पक्षकारों द्वारा विधिवत स्वीकार किया गया है.
कुटुम्ब न्यायालय की अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश प्रवीणा व्यास ने 25 अप्रैल को पारित आदेश में कहा,‘‘बालिका की उम्र 10 साल है और वह युवावस्था की ओर अग्रसर है.
तमिलनाडु सरकार की ओर से अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि मनीष कश्यप ने फर्जी वीडियो बनाकर दावा किया कि तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मजदूरों पर हमले हो रहे हैं. सिब्बल ने कहा कि मनीष कश्यप के 60 लाख फॉलोवर्स हैं, वह एक राजनेता हैं और उसने चुनाव लड़ा है.
जब किसी पेरेंट का तलाक होता है तो बच्चों को बहुत परेशानी होती है. तब अदालत देखती है कि बच्चे की कस्टडी किसे दी जाए माता को या पिता को कुछ ऐसे ही मामले पर सुनवाई चल रही थी दिल्ली हाई कोर्ट में.
बिहार के साथ-साथ तमिलनाडु में भी उस पर कई मामले दर्ज किए गए हैं. केवल तमिलनाडु में ही मनीष कश्यप के खिलाफ करीब 13 मामले दर्ज हैं.
जब भी किसी व्यक्ति को गिरफ्तार किया जाता है, उसे हिरासत में रखा जाता है लेकिन हिरासत में रखना आवश्यक नहीं गिरफ्तारी हो. अर्थात हिरासत और गिरफ्तारी दोनों का अर्थ और उद्देश्य अलग-अलग है.
अगर पुलिस किसी ऐसे व्यक्ति को हिरासत में लेती है जिस पर गंभीर अपराध के आरोप हैं और उस मामले में जांच के लिए उस व्यक्ति से पूछताछ करने की जरुरत होती है तो ऐसे में सीआरपीसी (CrPC) की धारा 167 के तहत उसे 24 घंटे के भीतर कोर्ट में पेश करना होता है.
पटियाला हाउस कोर्ट में मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने पुलिस रिमांड आवेदन खारिज करते हुए कहा कि जनता के दबाव के चलते जांच को प्रभावित नही किया जा सकता है.
ईडी ने 200 करोड़ की इस मनी लॉन्ड्रिग के मामले में जैकलीन को भी बराबर का गुनाहगार माना है ईडी के अनुसार जैकलीन को पुरी जानकारी होने के बावजूद उसने करीब 10 करोड़ के महंगे गिफ्ट हासील किए है.