ताहिर हुसैन को जमानत देने से जस्टिस पंकज मित्तल ने क्यों जताई आपत्ति?
ताहिर हुसैन को अंतरिम जमानत देने के मामले पर जस्टिस पंकज मित्तल ने साथी जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह से अलग विचार रखते हुए कहा कि चुनाव प्रचार कोई मूल अधिकार नहीं है या संवैधानिक अधिकार नहीं है. अगर प्रचार करना कोई मूल या संवैधानिक अधिकार नहीं है. इस नाते कोर्ट का ये विशेषाधिकार बनता है कि चुनाव प्रचार के लिए वो ज़मानत दे या नहीं दे.