'हमें आदेश देने वाला HC कौन होता है', NCLAT के जज और वकील में छिड़ी बहस
नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) के जज ने उच्च न्यायालयो के अधिकारों का जिक्र करते हुए कहा कि हाईकोर्ट किसी विषय पर अधिक से अधिक हमसे आग्रह कर सकता है.
नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) के जज ने उच्च न्यायालयो के अधिकारों का जिक्र करते हुए कहा कि हाईकोर्ट किसी विषय पर अधिक से अधिक हमसे आग्रह कर सकता है.
इससे पहले मंत्री की पत्नी द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर अंतरिम आदेश सुनाते हुए मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सी वी कार्तिकेयन ने प्रधान सत्र न्यायाधीश इस मामले की आगे की सुनवाई करने का आदेश दिया था।
Justice Ajay Rastogi और Justice Bela M Trivedi की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि इस मामले में धोखाधड़ी के आरोप शामिल हैं, जो एक उपभोक्ता मंच के तहत शामिल नहीं किया जा सकता और इस मामले में बैंक अधिकारियों की ओर से कोई 'जानबूझकर चूक या अपूर्णता या कमी' नहीं थी.
नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) के जज ने उच्च न्यायालयो के अधिकारों का जिक्र करते हुए कहा कि हाईकोर्ट किसी विषय पर अधिक से अधिक हमसे आग्रह कर सकता है.
इससे पहले मंत्री की पत्नी द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर अंतरिम आदेश सुनाते हुए मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सी वी कार्तिकेयन ने प्रधान सत्र न्यायाधीश इस मामले की आगे की सुनवाई करने का आदेश दिया था।
Justice Ajay Rastogi और Justice Bela M Trivedi की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि इस मामले में धोखाधड़ी के आरोप शामिल हैं, जो एक उपभोक्ता मंच के तहत शामिल नहीं किया जा सकता और इस मामले में बैंक अधिकारियों की ओर से कोई 'जानबूझकर चूक या अपूर्णता या कमी' नहीं थी.