Salman Khan को Bombay HC ने दी इस केस में राहत
2019 के पत्रकार से मारपीट के मामले में Bombay HC ने बॉलीवुड स्टार सलमान खान को राहत दे दी है। कोर्ट ने मामले को ख़ारिज कर दिया है.
2019 के पत्रकार से मारपीट के मामले में Bombay HC ने बॉलीवुड स्टार सलमान खान को राहत दे दी है। कोर्ट ने मामले को ख़ारिज कर दिया है.
Bombay High Court ने 30 मार्च को सलमान के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को रद्द कर दिया था. अब सामने आए फैसले में अदालत ने न्यायिक प्रक्रिया को लेकर महत्वपूर्ण टिप्पणीया की है.
मशहूर क्रिकेटर विराट कोहली ने बेटी वामिका को रेप की धमकी देने वाले व्यक्ति की FIR वापिस लेने हेतु अपनी सहमति दी।
कामरा की ओर से धारा 3(1)(बी)(v) के अनुसार केन्द्र सरकार के Ministry of Electronics and Information Technology को यह अधिकार देती है कि मंत्रालय आनलाईन झूठी और fake खबरों या सामग्री की जांच के लिए fact-checking body का गठन कर सकता है.
2021 के टी-20 वर्ल्ड कप में भारतीय क्रिकेट टीम की पाकिस्तान और न्यूजीलैंड से मैच हारने से नाराज रामनागेश श्रीनिवास अकुबाथिनी ने कथित तौर पर सोशल मीडिया पर विराट कोहली की बेटी वामिका को लेकर अपमानजक टिप्पणी की. विवादित ट्वीट में विराट की 9 महीने की बेटी से बलात्कार की धमकियां दी गईं.
अधिवक्ता मुरसलिन शेख ने Justice Revati Mohite Dere के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए जनहित याचिका दायर की थी. इस मामले में बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा (BCMG) ने स्व:संज्ञान लेते हुए ये अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की है.
Bombay High Court ने औरंगाबाद के Judicial Magistrate First Class की अदालत के फैसले को केवल एक लाइन में कारण बताते हुए रद्द करने के Additional Sessions Judge के फैसले के प्रति कड़ा ऐतराज जताया है.
"महिला के रूप में पहचान के लिए लिंग परिवर्तन सर्जरी कराने वाले किसी ट्रांसजेंडर व्यक्ति को घरेलू हिंसा कानून के दायरे में पीड़ित मानना होगा.’’
हाई कोर्ट ने निचली अदालत के आदेश को रद्द करते हुए कहा कि जो मेंटेनेंस चाहता है वह CrPC की धारा 125 के तहत दूसरी याचिका दायर कर सकता है. कोर्ट ने कहा कि घरेलू हिंसा अधिनियम बहुत विशिष्ट है और इसकी तुलना CrPC की धारा 125 से नहीं की जा सकती है.
पत्रकार ने बॉलीवुड एक्टर सलमान खान और उनके बॉडीगार्ड नवाज शेख पर मारपीट करने और दुर्व्यहार करने का आरोप लगाया था.पुलिस की जांच रिपोर्ट के बाद अदालत ने समलान को इस मामले में समन जारी किया था.
Justice Hrishikesh Roy और Justice Manoj Misra की पीठ ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप से इंकार करते हुए हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है.
हाईकोर्ट में दायर की गई अपील में ममता बनर्जी की ओर से कहा गया कि विशेष अदालत को समन हमेशा के लिए रद्द कर देना चाहिए था और मामले को वापस मजिस्ट्रेट के पास नहीं भेजना चाहिए था.
Supreme Court ने अपने फैसले में कहा है कि “रिमांड अवधि की गणना उस तारीख से की जाएगी, जिस तारीख से आरोपी को मजिस्ट्रेट रिमांड पर लेते हैं. यदि रिमांड अवधि के 61वें या 91वें दिन तक आरोप पत्र दायर नहीं किया जाता है तो एक आरोपी डिफ़ॉल्ट जमानत का हकदार हो जाता है.
Bombay High Court ने स्पष्ट किया कि दोनो के बयान प्रथम दृष्टया किसी भी आपराधिक कानून के तहत दंडनीय अपराध के तहत नहीं आते है.
अभिनेता ने अपने खिलाफ दिए गए मानहानिकारक बयानों के लिए अपने भाई और अलग रह रही पत्नी से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की भी मांग की है.
भाईयो की ओर से कहा गया कि पारिवारिक संपत्ति का ट्रांसफर मौखिक सहमति के आधार पर किया गया था,जिसमें उनकी अन्य तीन बहनों ने अपने अधिकारों का त्याग कर दिया था क्योंकि अपीलकर्ता की तरह उन्हें भी उनकी शादी के समय दहेज दिया गया था.
स्थानीय नागरिक गौरी भिडे ने जनहित याचिका में दावा किया था कि बृहन्मुंबई नगर निगम में कथित भ्रष्टाचार और ठाकरे परिवार की संपत्ति में अचानक वृद्धि आपस में जुड़ी हुई है. हाईकोर्ट ने इस तर्क को अस्वीकार करते हुए याचिका को खारिज कर दिया है.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक ऑटो रिक्शा चलाने वाले व्यक्ति को जमानत दे दी. उसपर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा था.
सुप्रीम कोर्ट एक ऐसे मामले की सुनवाई कर रहा था जिसमें बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका दायर करने वाली संस्था पर 1 लाख का जुर्माना लगाया है. हाईकोर्ट के अनुसार जनहित याचिका दायर करने वाली संस्था ने मुंबई में infrastructure projects को टारगेट करते हुए ब्लैकमेल कर रही थी. सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर सहमति जताते हुए जुर्माने के आदेश को बरकरार रखा है.