नाबालिग को क्यों नहीं मिली गर्भपात की अनुमति?
पीड़िता इस साल फरवरी में लापता हो गई थी और तीन महीने बाद पुलिस ने उसे राजस्थान में एक व्यक्ति के साथ पाया था
पीड़िता इस साल फरवरी में लापता हो गई थी और तीन महीने बाद पुलिस ने उसे राजस्थान में एक व्यक्ति के साथ पाया था
दुष्कर्म पीड़िता की जांच करने वाले चिकित्सा दल ने कहा था कि अगर गर्भपात की प्रक्रिया को अंजाम दिया जाता है, तो भी बच्चा जीवित पैदा हो सकता है
आदेश पारित करते हुए पीठ ने कहा, ‘‘23 मार्च, 2023 के बाद, मामले को कई मौकों पर सूचीबद्ध किया गया है, लेकिन महाधिवक्ता की अनुपस्थिति के कारण राज्य की ओर से इस पर बहस नहीं की जा सकी.’’
उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट और लखनऊ पीठ के सरकारी वकीलों को हटाकर 1,623 सरकारी वकीलों की नियुक्ति की है। इस बारे में डिटेल में जानिए
Justice Ajay Rastogi अगले माह 17 जून को ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान सेवानिवृत होने जा रहे है. अवकाश से पूर्व शुक्रवार अंतिम कार्यदिवस होने के चलते Justice Ajay Rastogi का भी अंतिम कार्यदिवस रहा.
रिटायरमेंट बाद नियुक्ति लेने से इंकार, विदाई भाषण को लेकर किया मजाक कहा मेरे विदाई में लोग कम नही आए इसलिए कैंटिन बंद करवा दिया
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जज Justice K.M. Joseph, Justice Ajay Rastogi और Justice V. Ramasubramanian ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान सेवानिवृत होने जा रहे है. जस्टिस के एम जोसेफ 16 जून और जस्टिस अजय रस्तोगी 17 जून को सेवानिवृत होंगे. वही Justice V. Ramasubramanian आगामी 29 जून को सेवानिवृत हो जायेंगे.
सर्वोच्च अदालत में अब तक वेकेशन बेंचो द्वारा अवकाश के दौरान केवल अत्यावश्यक मामलों की सुनवाई की सामान्य प्रथा रही है. लेकिन इस बार अवकाश के दौरान केवल अत्यावश्यक मामलों की सुनवाई की सामान्य प्रथा से हटकर नए मामलो की सुनवाई तय की है.
मुकदमे की शीघ्र सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने की मांग करते हुए युवा अधिवक्ता खासा बेसब्र होते जा रहे थे. चीफ जस्टिस DY चंद्रचूड़ उस अधिवक्ता की जिद पर खासा नाराज हो गए.
गुरूवार को सभी पक्षो की बहस सुनने के बाद संविधान पीठ की ओर से सीजेआई डी वाई चन्द्रचूड़ फैसला सुरक्षित रखने की घोषणा की.
संविधान पीठ ने 9 दिन तक मैराथन सुनवाई के बाद 16 मार्च को रखा था फैसला सुरक्षित
समलैगिंग विवाह की कानूनी मान्यता के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा है कि भारतीय कानून किसी व्यक्ति को वैवाहिक स्थिति के बावजूद बच्चे को गोद लेने की अनुमति देते हैं.
प्रतिवर्ष की तरह इस बार भी सुप्रीम कोर्ट में 22 मई से 02 जुलाई 2023 तक ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित किये गये है. करीब 42 दिन के अवकाश के बाद 03 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में रेगुलर अदालतें खुलेगी.
22 मई से 03 जुलाई तक Supreme Court में 6 सप्ताह का ग्रीष्मकालीन अवकाश रहेगा.पिछले वर्ष की तुलना इस वर्ष सुप्रीम कोर्ट के ग्रीष्मकालीन अवकाश में एक सप्ताह की छूट्टियां कम कर दी गयी है.अवकाश के प्रथम सप्ताह में शनिवार-रविवार को भी वेकेशन बेंचे सुनवाई करेगी.
समलैंगिक विवाह की कानूनी मान्यता को लेकर दायर करीब 20 याचिकाओं पर Supreme Court की 5 सदस्य संविधान पीठ सुनवाई कर रही है.सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार की ओर से सॉलिस्टर जनरल तुषार मेहता ने समिति को लेकर जानकारी दी है.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि शादी का जारी रहना असंभव होने की स्थिति (irretrievable breakdown of marriage) में सुप्रीम कोर्ट सीधे अपनी तरफ से तलाक का आदेश दे सकता है.
Justice Rohit Arya रेत के अवैध खनन के एक मामले की सुनवाई कर रहे थे, जब उनके सामने यह तथ्य आया कि हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद रेत के ट्रांसपोर्टेशन के आदेश जारी नहीं किए गए.भिंड जिले में रेत खनन के मामले में मध्यप्रदेश हाई कोर्ट कई साल पहले ही रेत ट्रांसपोर्टेशन पास जारी करने ऑर्डर दे चुका है.
हलफनामे में केन्द्र ने कहा है कि वर्तमान मामले में संविधान की सातवीं अनुसूची के तहत राज्यों के विधायी अधिकार और राज्यों के निवासियों के अधिकार शामिल हैं और इसलिए सभी राज्यों को भी इस सुनवाई में शामिल किया जाना चाहिए.
सर्वोच्च अदालत में अब तक वेकेशन बेंचो द्वारा अवकाश के दौरान केवल अत्यावश्यक मामलों की सुनवाई की सामान्य प्रथा रही है. लेकिन इस बार अवकाश के दौरान केवल अत्यावश्यक मामलों की सुनवाई की सामान्य प्रथा से हटकर नए मामलो की सुनवाई तय की है.
मुकदमे की शीघ्र सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने की मांग करते हुए युवा अधिवक्ता खासा बेसब्र होते जा रहे थे. चीफ जस्टिस DY चंद्रचूड़ उस अधिवक्ता की जिद पर खासा नाराज हो गए.
गुरूवार को सभी पक्षो की बहस सुनने के बाद संविधान पीठ की ओर से सीजेआई डी वाई चन्द्रचूड़ फैसला सुरक्षित रखने की घोषणा की.
संविधान पीठ ने 9 दिन तक मैराथन सुनवाई के बाद 16 मार्च को रखा था फैसला सुरक्षित
समलैगिंग विवाह की कानूनी मान्यता के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा है कि भारतीय कानून किसी व्यक्ति को वैवाहिक स्थिति के बावजूद बच्चे को गोद लेने की अनुमति देते हैं.
22 मई से 03 जुलाई तक Supreme Court में 6 सप्ताह का ग्रीष्मकालीन अवकाश रहेगा.पिछले वर्ष की तुलना इस वर्ष सुप्रीम कोर्ट के ग्रीष्मकालीन अवकाश में एक सप्ताह की छूट्टियां कम कर दी गयी है.अवकाश के प्रथम सप्ताह में शनिवार-रविवार को भी वेकेशन बेंचे सुनवाई करेगी.
समलैंगिक विवाह की कानूनी मान्यता को लेकर दायर करीब 20 याचिकाओं पर Supreme Court की 5 सदस्य संविधान पीठ सुनवाई कर रही है.सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार की ओर से सॉलिस्टर जनरल तुषार मेहता ने समिति को लेकर जानकारी दी है.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि शादी का जारी रहना असंभव होने की स्थिति (irretrievable breakdown of marriage) में सुप्रीम कोर्ट सीधे अपनी तरफ से तलाक का आदेश दे सकता है.
Justice Rohit Arya रेत के अवैध खनन के एक मामले की सुनवाई कर रहे थे, जब उनके सामने यह तथ्य आया कि हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद रेत के ट्रांसपोर्टेशन के आदेश जारी नहीं किए गए.भिंड जिले में रेत खनन के मामले में मध्यप्रदेश हाई कोर्ट कई साल पहले ही रेत ट्रांसपोर्टेशन पास जारी करने ऑर्डर दे चुका है.
हलफनामे में केन्द्र ने कहा है कि वर्तमान मामले में संविधान की सातवीं अनुसूची के तहत राज्यों के विधायी अधिकार और राज्यों के निवासियों के अधिकार शामिल हैं और इसलिए सभी राज्यों को भी इस सुनवाई में शामिल किया जाना चाहिए.
समलैंगिक विवाह की कानूनी मान्यता को लेकर CJI डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 5 सदस्य संविधान पीठ सुनवाई कर रही है. सुनवाई के दौरान सीजेआई और केन्द्र सरकार के एसजी तुषार मेहता के बीच दिलचस्प बहस भी देखने को मिली.
CJI डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 5 सदस्य संविधान में जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस एस रवींद्र भट, जस्टिस हेमा कोहली, जस्टिस पीएस नरसिम्हा शामिल है.समलैंगिक विवाह को मान्यता देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में 20 याचिकाएं दायर की गईं.
CJI डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 5 सदस्य संविधान पीठ इस मामले पर सुनवाई करेगी. पीठ में CJI डीवाई चंद्रचूड़ के साथ जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस एस रवींद्र भट, जस्टिस हेमा कोहली, जस्टिस पीएस नरसिम्हा शामिल है.
Bombay High Court ने औरंगाबाद के Judicial Magistrate First Class की अदालत के फैसले को केवल एक लाइन में कारण बताते हुए रद्द करने के Additional Sessions Judge के फैसले के प्रति कड़ा ऐतराज जताया है.
मान्यता प्राप्त शिक्षक संघ द्वारा दायर अवमानना याचिका पर न्यायमूर्ति इरशाद अली की एकल पीठ ने यह आदेश पारित किया. विभाग के प्रमुख सचिव, सचिव और निदेशक के खिलाफ पिछले महीने कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने के आरोप तय किए गए थे.
याचिका में कहा गया है कि कोई भी राज्य इस तरह से आपराधिक कानून नहीं बना सकता है जो एक ही अधिनियम बनाकर भेदभाव पैदा करता है जो कुछ के लिए दंडनीय हो सकता है, दूसरों के लिए "सुखद" हो सकता है.
सीजेआई द्वारा गठित इस संविधान पीठ में सीजेआई CJI डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस हृषिकेश रॉय, जस्टिस पीएस नरसिम्हा, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल है. यह पीठ 21 मार्च से मामलों पर सुनवई शुरू करेगी.
सीजेआई डी वाई चन्द्रचूड़ की अध्यक्षता में गठित 5 सदस्य संविधान पीठ ने 9 दिन तक चली मैराथन सुनवाई के बाद आज इस मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया है.