'मध्यस्थता के फैसले को Court संशोधित कर सकती है', आर्बिट्रेशन मामले में Supreme Court की संवैधानिक पीठ का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने 4:1 के बहुमत से फैसला सुनाया है कि अदालतें कुछ खास परिस्थितियों में मध्यस्थता पुरस्कारों में संशोधन कर सकती हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने 4:1 के बहुमत से फैसला सुनाया है कि अदालतें कुछ खास परिस्थितियों में मध्यस्थता पुरस्कारों में संशोधन कर सकती हैं.
'माध्यस्थम' और 'मध्यस्थता', दोनों ही 'वैकल्पिक विवाद समाधान' यानी एडीआर के तहत आते हैं लेकिन दोनों में काफी अंतर हैं। न्यायिक व्यवस्था की एक ही श्रेणी में आने वाले ये दोनों कॉन्सेप्ट्स एक दूसरे से किस तरह से अलग हैं और इन्हें देश में किन कानूनों के तहत प्रैक्टिस किया जाता है, आइए जानते हैं...
न्यायिक व्यवस्था की एक ही श्रेणी में आने वाले ये दोनों कॉन्सेप्ट्स एक दूसरे से किस तरह से अलग हैं और इन्हें देश में किन कानूनों के तहत प्रैक्टिस किया जाता है, आइए जानते हैं.
आर्बिट्रेशन या 'माध्यस्थम' की परिभाषा क्या है, भारत में किस तरह के मामलों को इस प्रक्रिया के जरिए सुलझाया जाता है और भारतीय कानून इसको लेकर क्या कहता है, आइए सबकुछ जानते हैं
कई कारणों से भारतीय न्यायपालिका पेंडिंग मामलों को निपटाने में असक्षम है. इसलिए न्यायपालिका पर बढ़ते मामलों के बोझ को कम करने के लिए मध्यस्थता और बीच बचाव दो वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र शुरू किया गए थे. ये एक जैसे लगते हैं, लेकिन ये एक दूसरे से अलग हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने 4:1 के बहुमत से फैसला सुनाया है कि अदालतें कुछ खास परिस्थितियों में मध्यस्थता पुरस्कारों में संशोधन कर सकती हैं.
न्यायिक व्यवस्था की एक ही श्रेणी में आने वाले ये दोनों कॉन्सेप्ट्स एक दूसरे से किस तरह से अलग हैं और इन्हें देश में किन कानूनों के तहत प्रैक्टिस किया जाता है, आइए जानते हैं.
आर्बिट्रेशन या 'माध्यस्थम' की परिभाषा क्या है, भारत में किस तरह के मामलों को इस प्रक्रिया के जरिए सुलझाया जाता है और भारतीय कानून इसको लेकर क्या कहता है, आइए सबकुछ जानते हैं
कई कारणों से भारतीय न्यायपालिका पेंडिंग मामलों को निपटाने में असक्षम है. इसलिए न्यायपालिका पर बढ़ते मामलों के बोझ को कम करने के लिए मध्यस्थता और बीच बचाव दो वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र शुरू किया गए थे. ये एक जैसे लगते हैं, लेकिन ये एक दूसरे से अलग हैं.