पति के घरवालों के खिलाफ किया False Case तो अब खैर नहीं! 'हाई कोर्ट' की ये हिदायत जान लें
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने घरेलू हिंसा के एक मामले में पति के दूर के रिश्तेदारों के खिलाफ कार्यवाही को रद्द कर दिया, इस बात पर जोर देते हुए कि घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत केवल साझा घर में रहने वाले लोगों को ही प्रतिवादी माना जा सकता है. अदालत ने घरेलू हिंसा के विशिष्ट आरोपों का हवाला देते हुए पति और सास के खिलाफ मामले को बरकरार रखा और 60 दिनों के भीतर मुकदमा समाप्त करने का निर्देश दिया.