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Sandeshkhali Incident: Calcutta High Court ने आरोपी Shahjahan Sheikh को सरेंडर करने के दिए आदेश, बंगाल सरकार से गिरफ्तारी नहीं होने को लेकर मांगा जबाव

कलकत्ता हाईकोर्ट ने संदेशखाली में महिलाओं के साथ दुष्कर्म और जमीन हथियाने की घटना में शाहजहां शेख को सरेंडर करने का आदेश दिया है.

Written by My Lord Team |Published : February 20, 2024 6:42 PM IST

कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court)  ने संदेशखाली घटना में बंगाल सरकार (West Bengal Government) के रवैये से नाराजगी जाहिर की. कोर्ट ने कहा महिलाओं के साथ दुष्कर्म (Sexual Harrasment) और जमीन हथियाने (Grabbing Land) की घटना का मुख्य आरोपी अब तक फरार है. राज्य की पुलिस आरोपी शाहजहां शेख (Shahjahan Sheikh) को पकड़ने में नाकाम रही है. कोर्ट ने संदेशखाली की गंभीर घटना को स्वत: संज्ञान (Suo Motu) लिया था. मामले में आरोपी को कोर्ट के सामने सरेंडर करने का आदेश दिया है. 

घटना का Mastermind है फरार

डिवीजन बेंच में चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनम और जस्टिस हिरण्मय भट्टाचार्य ने इस मामले को सुना. मामला संदेशखाली जिले के नार्थ 24 परगना का है जहां महिलाओं के साथ दुष्कर्म और जबरदस्ती जमीनों को कब्जाने की घटना हुई है. 

कोर्ट ने कहा,

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"यह व्यक्ति, जो पूरे घटना का मास्टरमाइंड है, अब तक फरार है. अगर वह कानून का अवमानना कर रहा है, तो जाहिर है कि राज्य सरकार उसकी मदद नहीं कर रही है. "

राज्य की ओर से पेश हुए एडवोकेट जनरल (Advocate General) किशोर दत्ता ने सफाई में कहा कि टीएमसी नेता शाहजहां शेख को राज्य की तरफ से कोई मदद नहीं मिल रही हैं. 

शुभेंदु को मिली Sandeshkhali जाने की इजाजत

डिवीजन बेंच (Division Bench) पश्चिम बंगाल के विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी को संदेशखाली जाने देने के आदेश को चुनौती देनेवाली राज्य की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. बेंच ने शुभेंदु अधिकारी को बिना समर्थकों के संदेशखाली जाने की इजाजत दी. इस सुनवाई के बाद, कोर्ट ने निर्देश दिया कि वे महिलाओं के साथ दुष्कर्म और जमीन हथियाने की से जुड़ी घटना की सुनवाई करेंगे. कोर्ट ने उपरोक्त घटना को स्वत: संज्ञान में लिया था.

कोर्ट ने सुनवाई करते हुए आरोपी से नाराजगी दिखाई. शाहजहां शेख जिला परिषद में जन प्रतिनिधि है. उन्हें इन आरोपों में खुद आगे आकर आरोपों को खारिज करना चाहिए था. 

कोर्ट ने कहा,

"वह (शाहजहां शेख) एक जन प्रतिनिधि है. कोर्ट ने इन आरोपों को स्वत: संज्ञान में लिया है. उन्हें सरेंडर करने का निर्देश देती है. वह लोगों के प्रतिनिधि है.उसे कोर्ट के समक्ष आने का मौका दिया जाता है."

कोर्ट ने राज्य सरकार को हिदायत दी. राज्य सरकार ऐसे लोगों को प्रोत्साहित ना करें. वह इस घटना का मुख्य आरोपी है. कोर्ट ने राज्य सरकार की भूमिका की अनदेखी करते हुए कहा कि राज्य की पुलिस मुख्य आरोपी को पकड़ने में असफल रही है. 

अब कोर्ट मामले में अगली सुनवाई 26 फरवरी 2024 के दिन होगी.