आज दिल्ली हाईकोर्ट ने राजेन्द्र कोचिंग सेंटर में हुए हादसे से जुड़ी याचिका पर सुनवाई की. दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार, एमसीडी और दिल्ली सरकार से जवाब तलब की है. सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि वे छात्रों की मौत के जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही तय करके रहेगी. अब दिल्ली हाईकोर्ट शुक्रवार के दिन इस मामले की सुनवाई करेगी. अगली सुनवाई में MCD के कमिश्नर को अदालत के समक्ष रहने के निर्देश दिए हैं.
दिल्ली हाईकोर्ट में एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन की अगुवाई वाली पीठ ने राजेन्द्र नगर कोचिंग संस्थान में हुए हादसे की सुनवाई की. वहीं अदालत ने एमसीडी के आयुक्त, दिल्ली पुलिस के जांच अधिकारी और डीसीपी को अगली सुनवाई में हाजिर रहने के निर्देश दिए हैं. दिल्ली हाईकोर्ट ने घटना के जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई करने की अपनी मंशा जाहिर की है. साथ ही दिल्ली हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि अगर वे जांच से संतुष्ट नहीं हुई तो मामले के आगे की जांच सीबीआई को सौंपने पर भी विचार कर सकती है.
अदालत ने MCD से जवाब तलब की. आपको जब शिकायत मिली कि कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में लाइब्रेरी चलाई जा रही तो आपने क्या कदम उठाया?
अदालत ने दिल्ली पुलिस के अधिकारियों से सवाल किया कि केवल राहगीरों को पकड़ रहें हैं, आपने नगर-निगम के कितने कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है?
इस पर पब्लिक प्रोसीक्यूटर ने अदालत को सूचित किया कि मामले में पुलिस ने दो-तीन अधिकारियों को गिरफ्तार किया है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि आप दिल्ली के इंफ्रास्ट्रक्चर को कैसे अपग्रेड करेंगे, आपके पास पैसे नहीं है?आपके अधिकारी दिवालिया हैं और आप फ्रीबी कल्चर को बढ़ावा देने में लगे हैं.
वहीं, सुनवाई के दौरान मौजूद रहें याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि दिल्ली में लोग या पानी से मर रहे हैं, हमें ऐसा प्रतीत होता है कि हम जंगल में रह रहे हैं. इलाके में कई कोचिंग संस्थानों के बेसमेंट में लाइब्रेरी चल रही थी. लेकिन एमसीडी बिल्कुल शांत रहीं. वहां मौजूद कई आयुक्तों की संपत्ति है. ये एक कड़वा सच है.
दिल्ली हाईकोर्ट अब इस मामले की सुनवाई शुक्रवार करेगी जिसमें नगर निगम से जुड़े अधिकारियों को अदालत में मौजूद रहने के निर्देश दिए हैं.