क्या पुरुष पुलिस अधिकारी कर सकता है महिला को गिरफ्तार?
हमारे देश में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई प्रावधान हैं, इसलिए अगर आरोपी एक महिला है, तो गिरफ्तारी की उचित प्रक्रिया और अधिकारों को जानना भी महत्वपूर्ण हो जाता है
हमारे देश में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई प्रावधान हैं, इसलिए अगर आरोपी एक महिला है, तो गिरफ्तारी की उचित प्रक्रिया और अधिकारों को जानना भी महत्वपूर्ण हो जाता है
किसी महिला की सहमति के बिना उसके शरीर के किसी भी हिस्से को छूना IPC की धारा 354 के तहत दंडनीय अपराध है और यह महिला का शील भंग करने के बराबर है. बॉम्बे हाईकोर्ट ऐसे ही एक मामले में बिना सहमति महिला का पैर छूने पर एक साल की सजा पर मुहर लगाई थी.
भारतीय दंड संहिता की धारा 354 के अनुसार शील भंग करना एक गंभीर अपराध है. इस तरह के अपराध को संज्ञेय, गैर - जमानती और गैर शमनीय माना जाता है.शील महिलाओं की वो भावना है जो एक महिला होने के नाते वो महसूस करती है.
हमारे देश में महिलाओं के सम्मान को बनाए रखने के लिए यूं तो संविधान के तहत कई अधिकार दिए गए है. लेकिन उनके अतिरिक्त, गिरफ्तारी के दौरान महिला की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए CrPC में कई प्रावधान किए गए है.
जामनगर से ताल्लुक रखने वाली जस्टिस गोकानी 25 फरवरी को सेवानिवृत्त (Retire) होने वाली है. इसलिए वह केवल 12 दिन के लिए के लिए गुजरात हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद पर रहेगी. देश के न्यायिक इतिहास में गुजरात हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश बनने वाली वह पहली महिला जज है.
गर्भपात के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट के इस फैसले में महिला के चुनने के अधिकार का समर्थन किया गया है. इसके बावजूद की मेडिकल बोर्ड ने गर्भपात की अनुमति देने के खिलाफ अपनी रिपोर्ट दी थी.
एक वकील द्वारा महिला जज के साथ किए गए दुर्व्यवहार को हाईकोर्ट ने गंभीर मामला मानते हुए आरोपी वकील के यूपी के किसी भी अदालत में प्रैक्टिस करने पर रोक लगा दी है. साथ ही बुलंदशहर पुलिस और जिला जज को आदेश दिए है कि वे महिला जज को उचित सुरक्षा प्रदान करें.
स्त्रीधन पर स्त्री का पूरा अधिकार होता है. स्त्रीधन की तुलना दहेज़ से नहीं की जा सकती है क्योंकि दहेज वर पक्ष को दिया जाता है, जबकि स्त्रीधन वधु को ही दिया जाता है.