Uttarakhand HC ने क्यों जारी की AIMPLB को नोटिस - जानिये मामला
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने 'ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड' (AIMPLB) को एक नोटिस जारी किया है जिसका आधार मुस्लिम लड़कियों की शादी की लीगल एज से जुड़ी एक याचिका है
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने 'ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड' (AIMPLB) को एक नोटिस जारी किया है जिसका आधार मुस्लिम लड़कियों की शादी की लीगल एज से जुड़ी एक याचिका है
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने 'ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड' (AIMPLB) को एक नोटिस जारी किया है जिसका आधार मुस्लिम लड़कियों की शादी की लीगल एज से जुड़ी एक याचिका है।
सरकार की ओर से हाई कोर्ट को बताया कि ब्लॉक प्रमुख पर गंभीर आरोप हैं, और निलंबन की कार्रवाई पंचायती राज अधिनियम की सुसंगत धाराओं के तहत की गयी है.
पेंशन के लाभ के लिए कम से कम 10 साल की नियमित सेवा अनिवार्य है. लेकिन तीन से चार साल की स्थायी सेवा वाले कार्मिकों ने अपनी पूर्व की 10 से 15 वर्ष की अस्थायी सेवाओं को पेंशन के लिए जोड़ने की मांग की.
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एक हिंदू युवती को हरिद्वार के पिरान कलियर में नमाज पढ़ने की अनुमति देते हुए पुलिस को उसकी सुरक्षा देने का आदेश दिया है.
Uttarakhand High Court ने स्थानीय हरिद्वार पुलिस को युवती के नमाज पढने के लिए जरूरी इंतजाम और सुरक्षा करने के आदेश दिए है. कोर्ट ने स्थानीय एसएचओं को उचित इंतजाम करने के आदेश देते हुए मामले की अगली सुनवाई 22 मई को तय की है.
MP High Court हाईकोर्ट में एक सेवानिवृति जज की नियुक्ति सहित 7 नाम की सिफारिश के साथ ही उत्तराखण्ड हाईकोर्ट के लिए 4, दिल्ली हाईकोर्ट के लिए 3 और छत्तीसगढ के लिए 1 नाम की सिफारिश केन्द्र सरकार को भेजी गयी है.
उत्तराखंड और गुजरात राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए सरकार द्वारा समितियों का गठन किया गया है. जिसे एक जनहित याचिका के जरिए सुप्रीम कोर्ट में चुनौति दी गई थी.
जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एएस ओका की पीठ ने कहा कि हम हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा रहे है लेकिन हम कार्रवाई पर रोक नहीं लगा रहे है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने विवादित जमीन पर किसी तरह का निर्माण या विकास करने पर भी रोक लगा दी है.
MP High Court हाईकोर्ट में एक सेवानिवृति जज की नियुक्ति सहित 7 नाम की सिफारिश के साथ ही उत्तराखण्ड हाईकोर्ट के लिए 4, दिल्ली हाईकोर्ट के लिए 3 और छत्तीसगढ के लिए 1 नाम की सिफारिश केन्द्र सरकार को भेजी गयी है.
उत्तराखंड और गुजरात राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए सरकार द्वारा समितियों का गठन किया गया है. जिसे एक जनहित याचिका के जरिए सुप्रीम कोर्ट में चुनौति दी गई थी.
जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एएस ओका की पीठ ने कहा कि हम हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा रहे है लेकिन हम कार्रवाई पर रोक नहीं लगा रहे है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने विवादित जमीन पर किसी तरह का निर्माण या विकास करने पर भी रोक लगा दी है.