नाबालिग लेकिन आदतन अपराधी... लूटपाट के चार मामलों में आरोपी को जमानत देने से सुप्रीम कोर्ट ने किया इंकार
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरोपी के ऊपर लूटपाट के 4 मामले हैं और उसके व्यवहार में कोई सुधार नहीं है, इसलिए उसे ज़मानत नहीं दी जा सकती.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरोपी के ऊपर लूटपाट के 4 मामले हैं और उसके व्यवहार में कोई सुधार नहीं है, इसलिए उसे ज़मानत नहीं दी जा सकती.
आरोपित व्यक्ति उसकईकर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 365 (अपहरण) और 392 (लूटपाट) सहित विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज मुकदमे की सुनवाई की जा रही थी.
किसी से जबरन उसका सामान ले लेना या उसे लूट लेना एक गैर कानूनी कार्य है. जिसके लिए दोषी पाए जाने पर कानून सख्त सजा भी देती है ताकि ऐसा अपराध कोई दोबारा करने की हिम्मत ना करे.
चोरी, लूट और डकैती यह तीनो अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध है. यानी इन तीनों अपराधों में पुलिस के द्वारा आरोपीयों को बिना वारंट के गिरफ्तार किया जा सकता है. और जमानत अदालत द्वारा ही दी जा सकती है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरोपी के ऊपर लूटपाट के 4 मामले हैं और उसके व्यवहार में कोई सुधार नहीं है, इसलिए उसे ज़मानत नहीं दी जा सकती.
आरोपित व्यक्ति उसकईकर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 365 (अपहरण) और 392 (लूटपाट) सहित विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज मुकदमे की सुनवाई की जा रही थी.
किसी से जबरन उसका सामान ले लेना या उसे लूट लेना एक गैर कानूनी कार्य है. जिसके लिए दोषी पाए जाने पर कानून सख्त सजा भी देती है ताकि ऐसा अपराध कोई दोबारा करने की हिम्मत ना करे.
चोरी, लूट और डकैती यह तीनो अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध है. यानी इन तीनों अपराधों में पुलिस के द्वारा आरोपीयों को बिना वारंट के गिरफ्तार किया जा सकता है. और जमानत अदालत द्वारा ही दी जा सकती है.