शवों से दुष्कर्म नहीं है अपराध! कर्नाटक HC ने केंद्र से की ये मांग
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने केंद्र से मांग की है कि वो 'शवों से दुष्कर्म' को एक दंडनीय अपराध की श्रेणी में लाएं और भारतीय दंड संहिता में इसे लेकर संशोधन करें
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने केंद्र से मांग की है कि वो 'शवों से दुष्कर्म' को एक दंडनीय अपराध की श्रेणी में लाएं और भारतीय दंड संहिता में इसे लेकर संशोधन करें
कर्नाटक हाईकोर्ट ने केंद्र से कहा है कि उन्हें IPC में या तो संशोधन करना चाहिए या फिर नए प्रावधानों को लाना चाहिए जिससे उन लोगों को कड़ी सजा मिल सके जो शवों के साथ दुष्कर्म कर रहे हैं.
पुलिस ने सैफ को हिरासत में लेकर जब पूछताछ की तो उसने जुर्म कबूल कर लिया और उसकी निशानदेही पर बच्चे का शव घर से करीब पांच सौ मीटर दूर एक नाले से बरामद किया गया.
6 से 12 साल की उम्र के बच्चों को निशाना बनाकर कुमार ने कथित तौर पर 2008 और 2015 के बीच 30 से अधिक नाबालिग बच्चों की हत्या की थी.
वर्ष 2013 में अपराधिक Criminal Law में किए गए संशोधन के बाद सांप्रदायिक हिंसा के दौरान दुष्कर्म की धारा 376(2)(g) में किसी को सजा सुनाए जाने का यह पहला मामला है. अदालत ने दोनो दोषियों को इस धारा के तहत 10 साल जेल की सजा के साथ 5000 का जुर्माना लगाया है.
राज्य सरकार के वकील ने कहा, पुलिस ने उनकी तलाश शुरू की. अगले दिन पीड़िता का शव इलाके में एक तालाब के किनारे मिला.
बलात्कार जैसे अपराध पर लगाम लगाने के लिए देश के कानून को सख्त कर दिया गया है. आइए नज़र डाले उन धाराओं पर जिंसके तहत दोषियों को मिलती है सज़ा.
शायद ही ऐसा दिन होगा जब अखबार में बलात्कार की कोई खबर ना आए. ऐसे अपराध पर लगाम लगाने के लिए ही देश के कानून को सख्त कर दिया गया है.
Allahabad High Court ने कहा कि पीड़िता वह व्यक्ति है जो अदालत के समक्ष आती है और मुकदमे के दौरान यदि वह बलात्कार के आरोप से इनकार करती है और पक्षद्रोही हो जाती है, तो राज्य सरकार द्वारा प्रदान की गई मुआवजे की राशि को उसके पास रखने का कोई औचित्य नहीं है.
SESSIONS COURT DINDOSHI ने अपने फैसले में कहा कि इस मामले में पीड़िता दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत बयान दर्ज करते समय मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए गए बयान में भरोसमंद और विश्वसनीय नहीं लगती है और इस प्रकार, आरोपी द्वारा जबरन यौन हमले के बारे में उचित संदेह है.
सुप्रीम कोर्ट ने एक आरोपी के जेल से रिहा होन के बाद हत्या करने के तर्क को भी खारिज करते हुए कहा कि "यहां तक कि अगर एक घटना, जिसका मौजूदा मामले से कोई संबंध नहीं है, फैसले की घोषणा के बाद हुई थी, जो समीक्षा याचिकाओं पर विचार करने का आधार नहीं हो सकती.
Supreme Court में इस याचिका को मेंशन किए जाने परकेंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी अपना जवाब दिया. एसजी ने कहा कि इस मामले में केंद्र सरकार का भी जवाब तैयार है.
गर्भपात की अनुमति देते हुए न्यायमूर्ति शर्मा ने कहा कि संवैधानिक अदालत होने के नाते पीड़िता के हित को देखना उनका कर्तव्य है. "यह अदालत मानती है कि पीड़िता द्वारा दी गई सहमति के मद्देनजर केवल उसके पिता के गैर-जिम्मेदाराना कार्य के कारण पीड़िता को निराश नहीं किया जा सकता है..."
हाथरस में 14 सितंबर 2020 को दलित लड़की से गैंगरेप का मामला सामने आया था. घटना के बाद लड़की की हालत गंभीर हो गई थी, जिसके बाद उसे अलीगढ़ रेफर किया था. इस मामले में पीड़िता के बयानों के बावजूद अदालत ने तीन को आरोपियों को बरी किया है.
महिला के साथ दुष्कर्म अक्षम्य अपराध है क्योंकि पीड़ित महिला की स्थिति मृतप्राय हो जाती है अतः सामाजिक उत्पीड़न से बचाने के लिए उसकी पहचान की गोपनियता अनिवार्य है
81 वर्षीय आसाराम बापू वर्तमान में एक अन्य बलात्कार के मामले में जोधपुर की सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं, जिसमें उन्हें वर्ष 2018 में दोषी ठहराया गया था.
उन्नाव रेप के आरोपि कुलदीप सेंगर को 27 जनवरी, शुक्रवार की सुबह ज़मानत पर जेल से रिहा किया गया था. सेंगर की रिहाई के बाद, पीड़िता ने अपनी और अपने परिवार और अन्य गवाहों के जान को खतरा में होने का हवाला देते हुए सेंगर की रिहाई के खिलाफ याचिका दायर की.
उन्नाव रेप कांड (Unnao Rape Case) में दोषी रहे, बीजेपी (BJP) से निष्कासित और पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर (Kuldeep Singh Sengar) को जमानत मिल गई है.