Recurring Deposit समेत कुछ बचत योजनाओं पर ब्याज दरें बढ़ी, PPF में कोई बदलाव नहीं
भारतीय रिजर्व बैंक ने महंगाई को काबू में लाने के लिये पिछले साल मई से नीतिगत रेपो दर को 2.5 प्रतिशत बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है.
भारतीय रिजर्व बैंक ने महंगाई को काबू में लाने के लिये पिछले साल मई से नीतिगत रेपो दर को 2.5 प्रतिशत बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है.
कैपिटल गेन फाइनेंशियल ईयर में 1 लाख से कम होना चाहिए. 80C के तहत टैक्स फ्री निवेश में इसे भी रखा गया है. हालांकि, ये बाजार से जुड़ा निवेश है तो रिटर्न अश्योर्ड नहीं होता है. इस योजना में 3 साल का लॉक-इन पीरियड होता है. इसमें आप प्रीमैच्योर विदड्रॉल नहीं कर सकते.
बेटियों को लेकर अक्सर मां बाप चिंतित रहते हैं, खास करके समाज का वो हिस्सा जिनकी आमदनी कम है और खर्च ज्यादा. ऐसे मां बाप के लिए सरकार ने इस योजना को बनाया है.
भारतीय रिजर्व बैंक ने महंगाई को काबू में लाने के लिये पिछले साल मई से नीतिगत रेपो दर को 2.5 प्रतिशत बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है.
कैपिटल गेन फाइनेंशियल ईयर में 1 लाख से कम होना चाहिए. 80C के तहत टैक्स फ्री निवेश में इसे भी रखा गया है. हालांकि, ये बाजार से जुड़ा निवेश है तो रिटर्न अश्योर्ड नहीं होता है. इस योजना में 3 साल का लॉक-इन पीरियड होता है. इसमें आप प्रीमैच्योर विदड्रॉल नहीं कर सकते.
बेटियों को लेकर अक्सर मां बाप चिंतित रहते हैं, खास करके समाज का वो हिस्सा जिनकी आमदनी कम है और खर्च ज्यादा. ऐसे मां बाप के लिए सरकार ने इस योजना को बनाया है.