DUSU Election में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर Delhi HC सख्त, उम्मीदवारों को जारी किया नोटिस
दिल्ली उच्च न्यायालय ने डूसू चुनाव के उम्मीदवारों को सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में नोटिस जारी किया है.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने डूसू चुनाव के उम्मीदवारों को सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में नोटिस जारी किया है.
क्या आपकी निजी संपत्ति को लेकर सरकार दूसरों को दे सकती है. क्या निजी संपत्ति को संविधान के 39(बी) के तहत 'समुदाय के भौतिक संसाधनों' का अंग माना जा सकता है या नहीं? सुप्रीम कोर्ट में नौ जजों की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है.
हमारे देश में दंगे में पब्लिक प्रॉपर्टी को हानि पहुंचाने का मामला अक्सर सामने आते रहते हैं, यह एक अपराध है
अगर कोई व्यक्ति किसी भी सार्वजनिक संपत्ति को जानबूझकर नुकसान पहुंचाता है तो वह दंड का भागीदार होगा
अपनी पत्नी के साथ विवाद में खुद अपनी पैरवी कर रहे आरोपी ने दावा किया कि उसे अदालत से न्याय नहीं मिल रहा है.
बलवे के दौरान सार्वजानिक या सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचाया जाता है तो आरोपियों के खिलाफ लोक संपत्ति नुक़सान निवारण अधिनियम, 1984 (Prevention of Damage to Public Property Act) के तहत मुकदमा चलाया जाता है.
सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण कानून 1984 के प्रावधानों के अनुसार सार्वजनिक संपंति को नुकसान पहुंचाने के मामले में दोषी व्यक्ति को जेल की सज़ा हो सकती है. इसके साथ ही दोषी व्यक्ति पर भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने डूसू चुनाव के उम्मीदवारों को सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में नोटिस जारी किया है.
क्या आपकी निजी संपत्ति को लेकर सरकार दूसरों को दे सकती है. क्या निजी संपत्ति को संविधान के 39(बी) के तहत 'समुदाय के भौतिक संसाधनों' का अंग माना जा सकता है या नहीं? सुप्रीम कोर्ट में नौ जजों की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है.
अगर कोई व्यक्ति किसी भी सार्वजनिक संपत्ति को जानबूझकर नुकसान पहुंचाता है तो वह दंड का भागीदार होगा
अपनी पत्नी के साथ विवाद में खुद अपनी पैरवी कर रहे आरोपी ने दावा किया कि उसे अदालत से न्याय नहीं मिल रहा है.
बलवे के दौरान सार्वजानिक या सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचाया जाता है तो आरोपियों के खिलाफ लोक संपत्ति नुक़सान निवारण अधिनियम, 1984 (Prevention of Damage to Public Property Act) के तहत मुकदमा चलाया जाता है.
सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण कानून 1984 के प्रावधानों के अनुसार सार्वजनिक संपंति को नुकसान पहुंचाने के मामले में दोषी व्यक्ति को जेल की सज़ा हो सकती है. इसके साथ ही दोषी व्यक्ति पर भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है.