राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा 'न्याय की भाषा समावेशी होनी चाहिए', हिंदी में बोलने के लिए CJI Chandrachud की सराहना की
राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन के दौरान हिंदी में बोलने के लिए प्रधान न्यायाधीश की सराहना भी की, और कहा, ‘‘न्याय की भाषा समावेशी होनी चाहिए.’’ मुर्मू ने यह भी कहा कि महंगी मुकदमेबाजी प्रक्रिया अक्सर न्याय को आम लोगों की पहुंच से बाहर रखती है.