मुस्लिम पुरुषों को एक से अधिक शादी के रजिस्ट्रेशन कराने का अधिकार, जानें किस आधार पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने सुनाया ये फैसला
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि कानूनन मुस्लिम पुरुष को एक से अधिक मैरिज रजिस्ट्रेशन कराने का अधिकार है
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि कानूनन मुस्लिम पुरुष को एक से अधिक मैरिज रजिस्ट्रेशन कराने का अधिकार है
हमारे देश में हर धर्म के लिए अपने व्यक्तिगत कानून हैं जो उनके दीवानी और पारिवारिक मामलों से संबंधित हैं. मुस्लिम कानून के तहत तलाक या तो न्यायिक प्रक्रिया या गैर-न्यायिक प्रक्रिया के माध्यम से किया जा सकता है, लेकिन हम अभी न्यायिक प्रक्रिया के बारे में समझेंगे.
मुस्लिम समाज में एक विवाह का कानूनी समापन तलाक के रूप में है. जब व्यक्तिगत विवाद के कारण पति / पत्नी एक साथ रहने के बजाए अलग होने का फैसला करते हैं, तो इस्लाम में तलाक का प्रावधान किया गया है. इस्लाम में तलाक निजी कानूनों द्वारा शासित है, जिसे पति या पत्नी के द्वारा शुरू किया जा सकता है.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि कानूनन मुस्लिम पुरुष को एक से अधिक मैरिज रजिस्ट्रेशन कराने का अधिकार है
मुस्लिम समाज में एक विवाह का कानूनी समापन तलाक के रूप में है. जब व्यक्तिगत विवाद के कारण पति / पत्नी एक साथ रहने के बजाए अलग होने का फैसला करते हैं, तो इस्लाम में तलाक का प्रावधान किया गया है. इस्लाम में तलाक निजी कानूनों द्वारा शासित है, जिसे पति या पत्नी के द्वारा शुरू किया जा सकता है.