कार्यकारी मजिस्ट्रेट की क्या भूमिका है, CrPC के तहत जानिये उसकी कार्य और शक्तियां
कानूनन मजिस्ट्रेट दो प्रकार के होते हैं. एक न्यायिक मजिस्ट्रेट और दूसरा कार्यकारी मजिस्ट्रेट. दोनों को उनके अधिकार और कर्तव्य एक दूसरे से अलग करते हैं.
कानूनन मजिस्ट्रेट दो प्रकार के होते हैं. एक न्यायिक मजिस्ट्रेट और दूसरा कार्यकारी मजिस्ट्रेट. दोनों को उनके अधिकार और कर्तव्य एक दूसरे से अलग करते हैं.
Delhi Police को नोटिस जारी करते हुए additional chief metropolitan magistrate (ACMM) Harjeet Singh Jaspal ने जांच की स्थिति तबल करते हुए मामले में अगली सुनवाई दो दिन बाद यानी शुक्रवार 12 मई को तय की है.
Supreme Court ने बिहार सरकार को 2 सप्ताह में याचिका का जवाब पेश करने के साथ ही आनंद मोहन की रिहाई से जुड़े रिकॉर्ड को पेश करने को कहा है.
दिवंगत डीएम जी कृष्णैया की पत्नी उमा ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा है कि बिहार सरकार के इस फ़ैसले से समाज में ग़लत सन्देश जाएगा और अपराधियों को प्रोत्साहन मिलेगा.याचिका में बिहार सरकार के आदेश और संशोधन को रद्द करते हुए आनंद मोहन को फिर से जेल भेजने की मांग की गयी है.
Bombay High Court ने औरंगाबाद के Judicial Magistrate First Class की अदालत के फैसले को केवल एक लाइन में कारण बताते हुए रद्द करने के Additional Sessions Judge के फैसले के प्रति कड़ा ऐतराज जताया है.
किसी भी व्यक्ति को अगर अपनी जान पर कोई खतरा महसूस हो रहा है तो प्रशासन से अपनी आत्मरक्षा के लिए लाइसेंसी बंदूक ले सकता है. जिस कानून के तहत बंदूक का लाइसेंस दिया जाता है उसमें कई बदलाव किए गए हैं.
कहते हैं अपराधी अपराध करने से पहले ये नहीं देखते कि सामने कौन है वो देश की सेनी की को भी नहीं छोड़ते. इन्ही उपद्रवियों रोकने के लिए देश में कड़े कानून बनाए गए हैं .
मामला लक्षद्वीप के sub-judge/chief judicial magistrate के खिलाफ शिकायत से जुड़ा है जिसमें पूर्व मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पर याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि उनके समक्ष सूचीबद्ध एक केस में उन्होंने 2015 में जांच अधिकारी के बयान में हेरफेर की थी.
कहते हैं अपराधी अपराध करने से पहले ये नहीं देखते कि सामने कौन है वो देश की सेनी की को भी नहीं छोड़ते. इन्ही उपद्रवियों रोकने के लिए देश में कड़े कानून बनाए गए हैं .
मामला लक्षद्वीप के sub-judge/chief judicial magistrate के खिलाफ शिकायत से जुड़ा है जिसमें पूर्व मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पर याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि उनके समक्ष सूचीबद्ध एक केस में उन्होंने 2015 में जांच अधिकारी के बयान में हेरफेर की थी.