इस मामले ने बदला देश के Euthanasia कानून को!
जब कोई मरीज बहुत ज्यादा पीड़ा से गुजर रहा होता है या उसे ऐसी कोई बीमारी होती है जो कि ठीक नहीं हो सकती और जिसमें हर दिन मरीज मौत जैसी स्थिति से गुजरता है तो उन मामलों में इच्छामृत्यु (Euthanasia) दी जाती है, और वो भी मरीज की स्थिति को देखते हुए किया जाता है