Union Budget 2023: देश की अदालतों में ई कोर्ट के लिए खर्च होंगे 7 हजार करोड़
देश की जिला न्यायपालिका में ई कोर्ट प्रोजेक्ट को मजबूत किया जा रहा है, इसी दिशा में देश की अदालतों में ई कोर्ट प्रोजेक्ट के लिए 7 हजार करोड़ रूपए खर्च किए जाने जाएंगे.
देश की जिला न्यायपालिका में ई कोर्ट प्रोजेक्ट को मजबूत किया जा रहा है, इसी दिशा में देश की अदालतों में ई कोर्ट प्रोजेक्ट के लिए 7 हजार करोड़ रूपए खर्च किए जाने जाएंगे.
सुप्रीम कोर्ट में केस लिस्टिंग प्रक्रिया में सुधार के बाद अब सीजेआई डी वाई चन्द्रचूड़ की नई पहल सर्वोच्च अदालत के कार्यालयों को पेपरलेस करने की है.
जहां एक एनिमेटेड फिल्म के माध्यम से शिकायत करने के फैसले को सही बताया जाता है और मदद का भरोसा दिया जाता है।इस पेज पर एक ऐरो के चिन्ह को दबाने के बाद आपको तस्वीरों का ऑपशन मिलेंगे।जिसमें से एक को चुनकर आपको अपराध के बारे में बताना होगा।
बाल शोषण के खिलाफ शिकायत दर्ज कर बच्चों को उनके साथ होने वाले दुर्व्यवहार से बचाना हर नागरिक की जिम्मेदारी है. 'शिकायत कहां करें' की समस्या को सुलभ करने के लिए राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने POCSO E-BOX ऑनलाइन सुविधा शुरू की.
किसी बच्चे को उसके साथ होने वाले दुर्व्यवहार से बचाना हर नागरिक की जिम्मेदारी है. बच्चों के साथ होने वाले छेड़छाड़, रेप, यौन उत्पीड़न, यौन शोषण और पोर्नोग्राफी जैसे जघन्य अपराधों की जानकारी होने पर शिकायत दर्ज कराना एक जागरूकग नागरिक का कर्तव्य है.
POCSO(The Protection of Children from Sexual Offences) Act बच्चों के खिलाफ हो रहे यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा करता है और इसके मामलों में बच्चों को उचित नयाय दिलाने का प्रयास करता है. इसके तहत अपराधों को दर्ज कराने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्रक्रिया उपल्बध कराई गई है.
POCSO Act के तहत अपराधों को दर्ज कराने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्रक्रिया उपल्बध कराई गई है, जिससे बच्चों को ऐसे अपराधों के लिए शिकायत करने में मदद मिले और उन्हें उचित न्याय मिल सके. इस प्रक्रिया में बच्चे को सुरक्षित और उनकी पहचान को पूरी तरह गोपनीय रखा जाता है.
बॉम्बे हाईकोर्ट को पूर्णतया कागजरहित बनाने के लिए commercial और criminal मामलों में ई-फाइलिंग को अनिवार्य कर दिया गया है. यानी कि अब आपराधिक और वाणिज्यिक मामलों सहित 12 कैटेगरी में याचिका दायर करने के लिएe-filing सिस्टम के जरिए ही फाइल की जा सकेगी.
इस प्रोजेक्ट के जरिए 1950 में सुप्रीम कोर्ट की स्थापना से लेकर अब तक के सभी फैसलों की पूर्ण जानकारी एक ही मंच पर उपलब्ध हो सकेगी.electronic Supreme Court Reports (e-SCR) project सभी के लिए समान रूप से उपलब्ध रहेगा.