'जीवनसाथी को लंबे समय तक यौन संबंध बनाने की अनुमति न देना मानसिक क्रूरता'- जानिये अदालत ने ऐसा क्यों कहा
पति या पत्नी की तरफ से लंबे समय तक अपने जीवनसाथी के साथ बिना पर्याप्त कारण के यौन संबंध बनाने की अनुमति न देना, अपने आप में मानसिक क्रूरता है.
पति या पत्नी की तरफ से लंबे समय तक अपने जीवनसाथी के साथ बिना पर्याप्त कारण के यौन संबंध बनाने की अनुमति न देना, अपने आप में मानसिक क्रूरता है.
हिन्दू परंपरा के अनुसार विवाह को दो आत्माओं का मिलन माना गया हैं, जिसे तोड़ा नहीं जा सकता. लेकिन हिंदू विवाह अधिनियम ने हिंदू जोड़ों को कानूनी रूप से एक-दूसरे को तलाक देने का विकल्प दिया है.
पति या पत्नी की तरफ से लंबे समय तक अपने जीवनसाथी के साथ बिना पर्याप्त कारण के यौन संबंध बनाने की अनुमति न देना, अपने आप में मानसिक क्रूरता है.