रिश्वत के मामले में राशि की मांग और स्वीकार्यता को साबित करना जरुरी
राजस्थान हाईकोर्ट ने 150 रुपए की रिश्वत लेने के मामले में 38 साल बाद आरोपी को बरी कर दिया क्योंकि आरोपी द्वारा रिश्वत की मांग और राशि स्वीकार करना साबित नहीं हो पाया
राजस्थान हाईकोर्ट ने 150 रुपए की रिश्वत लेने के मामले में 38 साल बाद आरोपी को बरी कर दिया क्योंकि आरोपी द्वारा रिश्वत की मांग और राशि स्वीकार करना साबित नहीं हो पाया
राजस्थान हाईकोर्ट ने 1979 में रिश्वत लेने के आरोपी क्लर्क को बरी करते हुए स्पष्ट किया है कि रिश्वत के अपराध के लिए रिश्वत की मांग और रिश्वत की राशि को स्वीकार करना साबित करना जरूरी हैं.
राजस्थान हाईकोर्ट ने 1979 में रिश्वत लेने के आरोपी क्लर्क को बरी करते हुए स्पष्ट किया है कि रिश्वत के अपराध के लिए रिश्वत की मांग और रिश्वत की राशि को स्वीकार करना साबित करना जरूरी हैं.