क्या Arbitration के मामले में भारत बन सकता हैं अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र?
कोविड के बाद दुनियाभर में हजारों कंपनियों के कार्य में बदलाव आया है, कंपनियों को हुए नुकसान के बाद ऐसे अदालतों की जरूरत महसूस हो रही है जहां दोनों पक्षों के बीच आपसी समझाइश से आगे बढा जा सके. और भारत इस मामले में एक बेहतर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन हब के रूप में खुद को स्थापित कर सकता है.