Delhi Court ने CBI को आबकारी नीति मामले में लगाई फटकार, पूछा सरकारी गवाह के खिलाफ LOC क्यों नहीं हुआ रद्द
मनीष सिसोदिया की दिल्ली हाईकोर्ट में जमानत के रद्द होने के अगले दिन सीबीआई को एक सरकारी गवाह को लेकर अदालत से फटकार सुननी पड़ी है।
मनीष सिसोदिया की दिल्ली हाईकोर्ट में जमानत के रद्द होने के अगले दिन सीबीआई को एक सरकारी गवाह को लेकर अदालत से फटकार सुननी पड़ी है।
सिसोदिया को घोटाले में कथित भूमिका के लिए सबसे पहले 26 फरवरी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था और वह तब से हिरासत में हैं.
दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हुए मनीष सिसोदिया। अदालत ने सीबीआई को दिया आदेश
आबकारी घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता एवं दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की दिल्ली की एक अदालत द्वारा मंगलवार को न्यायिक हिरासत की अवधि एक जून तक बढ़ा दी गई.
Delhi High Court ने जेल अधीक्षक को आदेश दिया है कि वह जेल मैन्युल के अनुसार सिसोदिया को वैकल्पिक दिनों में दोपहर बाद तीन से चार बजे के बीच Video Conferencing के जरिए बिमार पत्नी से बात कराई जाए.
सिसोदिया ने अपनी पत्नी की बीमारी के आधार पर मामले में अंतरिम जमानत की मांग करते हुए 3 अप्रैल को हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.
Delhi High Court ने मनीष सिसोदिया की ओर से दायर याचिका पर CBI को पक्ष रखने के लिए 26 अप्रैल तारीख तय की है. हाईकोर्ट ने कहा कि ASG से कहा कि वह बताएं कि एक्साइज पॉलिसी कैसे चलती है. कोर्ट ने कहा कि CBI अपने जांच अधिकारी को भी इस बारे में सफाई देने के लिए बुला सकती है.
Manish Sisodia ने Bail दायर करते हुए अदालत से अनुरोध किया है कि जांच के लिए अब उनकी हिरासत की जरूरत नहीं है, इसलिए उन्हे अब जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए.
मनीष सिसोदिया फिलहाल 17 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में है. पूर्व में दी गई न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद 3 अप्रैल को राउज एवेन्यु कोर्ट में ने 17 तक जेल भेज दिया था.
पूर्व में दी गई न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद सोमवार को मनीष सिसोदिया को दिल्ली की राउज एवेन्यु कोर्ट में पेश किया गया.
दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े money laundering मामले में, अब तक दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं आप नेता मनीष सिसोदिया समेत 12 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इस मामले में के. कविता को समन के लिए ED के कार्यालय में बुलाया गया था, जिसके खिलाफ कविता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.
सुनवाई के दौरान मनीष सिसोदिया के अधिवक्ता ने कहा कि इस मामले में जांच एजेंसी और कोर्ट के ऊपर बहुत दबाव है.
सिसोदिया की जमानत अर्जी पर सुनवाई से एक दिन पूर्व ईडी की गिरफतारी के चलते अब सिसोदिया को सीबीआई कोर्ट से जमानत मिलने के बावजूद राहत मिलने में मुश्किल आ सकती है.
सीबीआई विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने जमानत देते हुए कहा कि बुचिबाबू की कथित संलिप्तता एक सीए के रूप में पेशेवर सलाह देने तक सीमित थी और यह अभियोजन पक्ष का मामला नहीं था.