Rahul Gandhi defamation case: राहुल गांधी की अपील पर सूरत की सत्र अदालत ने फैसला रखा सुरक्षित, 20 अप्रैल को सुनाएगी फैसला
राहुल गांधी की अपील पर Judge Robin Mogera सुनवाई कर रहे है. Senior Advocate RS Cheema की कानूनी टीम उनकी और से पैरवी कर रही है.
राहुल गांधी की अपील पर Judge Robin Mogera सुनवाई कर रहे है. Senior Advocate RS Cheema की कानूनी टीम उनकी और से पैरवी कर रही है.
राहुल की ओर से दायर नियमित जमानत आवेदन को मंजूर करते हुए अदालत ने राहुल गांधी को 13 अप्रैल की सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से मौजूद रहने से छूट दी है, जिसके चलते राहुल गांधी पेश नहीं होेंगे.
राहुल गांधी की लीगल टीम ने कोर्ट में तर्क दिया कि इस मामले में केवल नरेंद्र मोदी ही अपील कर सकते हैं. अपील में कहा गया कि मामले में पूर्णेश मोदी पीड़ित व्यक्ति नहीं थे और उन्हें शिकायत दर्ज करने का कोई अधिकार नहीं था.
अदालत में राहुल गांधी की ओर से आज दो याचिका फाइल की गई है. एक में जहां निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए निचली अदालत के फैसले को रद्द करने का अनुरोध किया गया है. वही दूसरी याचिका के जरिए नियमित जमानत का आवेदन किया गया है.
राज्यसभा सांसद सुशील मोदी द्वारा दायर मानहानि मामले में 12 अप्रैल को अदालत में पेश होने का आदेश दिया है.
Delhi High Court के Justice Prateek Jalan ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि वह दूसरे पक्ष को सुने बिना किसी राजनीतिक लड़ाई में चुप रहने का आदेश पारित नहीं करना चाहते हैं.
अभिनेता ने अपने खिलाफ दिए गए मानहानिकारक बयानों के लिए अपने भाई और अलग रह रही पत्नी से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की भी मांग की है.
राउज एवेन्यू कोर्ट ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ दायर मानहानि के मामले में कार्यवाही को आगे बढाने से पूर्व समन जारी करने के लिए मामले में उचित जांच का आदेश दिया है.
फैसला सुनाए जाने के साथ राहुल गांधी की ओर से उनके अधिवक्ता ने जमानत याचिका दायर की और इतना ही नहीं याचिका स्वीकार करते हुए अदालत ने राहुल गांधी को जमानत दे दी.....
वायनाड से लोकसभा सदस्य राहुल गांधी ने यह कथित टिप्पणी 2019 के आम चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में आयोजित जनसभा में की थी।
जाहिर सी बात है अगर कोई आपके नाम का इस्तेमाल कर कोई गलत काम करेगा तो आपका नाम खराब हो सकता है समाज में आपकी छवि खराब हो सकती है. तो ऐसे में पीड़ित के पास आईपीसी की धारा 499 और 500 उपलब्ध है.
मुंबई की मुलुंड मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट द्वारा भेजे गए समन के मुताबिक जावेद अख़्तर को आगामी 6 फरवरी को अदालत में हाजिर होकर अपना जवाब पेश करना था. लेकिन 6 फरवरी से पहले ही जावेद अख्तर ने इस समन पर रोक लगाने को लेकर अपील दायर कर दी है.
मानहानि दो रूपों में हो सकती है- लिखित या मौखिक रूप में. लिखित रूप में यदि किसी के विरुद्ध प्रकाशितरूप में या लिखितरूप में झूठा आरोप लगाया जाता है या उसका अपमान किया जाता है तो यह "अपलेख" कहलाता है लेकिन, जब किसी व्यक्ति के विरुद्ध कोई अपमानजनक कथन या भाषण दिया जाता है, जिसे सुनकर लोगों के मन में व्यक्ति विशेष के प्रति घृणा या अपमान उत्पन्न हो तो वह "अपवचन" कहलाता है.
राउज एवेन्यू कोर्ट ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ दायर मानहानि के मामले में कार्यवाही को आगे बढाने से पूर्व समन जारी करने के लिए मामले में उचित जांच का आदेश दिया है.
वायनाड से लोकसभा सदस्य राहुल गांधी ने यह कथित टिप्पणी 2019 के आम चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में आयोजित जनसभा में की थी।
जाहिर सी बात है अगर कोई आपके नाम का इस्तेमाल कर कोई गलत काम करेगा तो आपका नाम खराब हो सकता है समाज में आपकी छवि खराब हो सकती है. तो ऐसे में पीड़ित के पास आईपीसी की धारा 499 और 500 उपलब्ध है.
मुंबई की मुलुंड मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट द्वारा भेजे गए समन के मुताबिक जावेद अख़्तर को आगामी 6 फरवरी को अदालत में हाजिर होकर अपना जवाब पेश करना था. लेकिन 6 फरवरी से पहले ही जावेद अख्तर ने इस समन पर रोक लगाने को लेकर अपील दायर कर दी है.
मानहानि दो रूपों में हो सकती है- लिखित या मौखिक रूप में. लिखित रूप में यदि किसी के विरुद्ध प्रकाशितरूप में या लिखितरूप में झूठा आरोप लगाया जाता है या उसका अपमान किया जाता है तो यह "अपलेख" कहलाता है लेकिन, जब किसी व्यक्ति के विरुद्ध कोई अपमानजनक कथन या भाषण दिया जाता है, जिसे सुनकर लोगों के मन में व्यक्ति विशेष के प्रति घृणा या अपमान उत्पन्न हो तो वह "अपवचन" कहलाता है.