Gujarat HC ने दाहोद शहर की उस संपत्ति पर यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया, जिस पर एक मस्जिद को गिराया गया
मस्जिद 1926 से थी और इससे लगी दुकानों को ट्रस्ट द्वारा किराए पर दिया गया था और उस पैसे का इस्तेमाल मस्जिद एवं अन्य संपत्तियों के प्रबंधन और प्रशासन के लिए किया जाता था.