Cyber World में प्रतिबंधित सामग्री से रहें दूर! डाउनलोड किया तो जाना पड़ सकता है जेल
इस जानकारी को भी दिखाता है कि हम इंटरनेट पर क्या अपलोड या फिर क्या डाउनलोड कर सकते है। क्योंकि अनजाने में हमसे कुछ ऐसा भी हो सकता है जो अपराध की श्रेणी में आता हो।
इस जानकारी को भी दिखाता है कि हम इंटरनेट पर क्या अपलोड या फिर क्या डाउनलोड कर सकते है। क्योंकि अनजाने में हमसे कुछ ऐसा भी हो सकता है जो अपराध की श्रेणी में आता हो।
राजकुमार राव लोगों से ऑनलाइन खरीदारी की आड़ में हो रही धोखाधड़ी के प्रति सतर्क रहने की अपील की भी है।
घोटालेबाजों ने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे इंस्टाग्राम, यूट्यूब आदि पर लोगों को गुमराह/प्रभावित करने के लिए टाटा जैसी बड़ी कंपनियों के लोगो का भी इस्तेमाल किया
कूच बिहार की एक अदालत ने चाइल्ड पॉर्नोग्राफी और सेक्शुअल हरासमेंट के एक मामले में आरोपी को बीस साल की जेल की सजा सुनाई है। मामला क्या था और अदालत ने किन कानूनों के तहत यह सजा सुनाई है, आइये जानते हैं
पिछले कुछ सालों में साइबर धोखाधड़ी के मामले देश में बहुत बढ़ गए हैं और इनसे सावधान रहना बहुत जरूरी है! अगर आप इस तरह के किसी मामले में फंस जाते हैं तो सुरक्षा हेतु क्या कानून हैं, जानिए
साइबर क्राइम के मामले बेहद गंभीर हैं और इनकी संख्या देश में काफी ज्यादा बढ़ गई है। कानून के तहत, साइबर धोखाधड़ी के मामलों में किस तरह प्रोटेक्शन मिलता है और आईपीसी में इसको लेकर क्या प्रावधान हैं, आइए जानते हैं
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘यह एक आर्थिक अपराध है, जमानत के मामले में इससे सख्ती से निपटा जाना चाहिए... मामले में विस्तृत जांच की आवश्यकता है, जो आवेदक/आरोपी से निरंतर पूछताछ पर निर्भर है।’’
ठाणे जिले में पिछले साल क्रिप्टोकरंसी धोखाधड़ी में 36 लाख रुपये गंवाने वाले एक मोबाइल की दुकान के मालिक को उसकी पूरी रकम वापस मिल गई है। पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी भाषा को दी और कहा कि इस मामले की जांच मीरा भायंदर-वसई विरार (एमबीवीवी) पुलिस आयुक्तालय के साइबर प्रकोष्ठ ने की।
राजस्थान पुलिस की विशेष शाखा ‘स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप’ ने एक ऑनलाइन कंपनी से डाटा चुराकर उसे ब्लैकमेल करने वाले साइबर अपराधी को गिरफ्तार किया
सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (Information Technology Act ) की धारा 66 में कंप्यूटर से संबंधित अपराध के बारे में बताया गया है.
हाल ही में हुए एक बड़े साइबर क्राइम के मामले में अपराधी को यमुनानगर जिला कोर्ट को पेश किया गया जहां उसे पुलिस रिमांड में भेजने का आदेश दिया गया।
4.45 लाख रुपये का फ्रॉड करने वाले साइबर क्रिमिनल्स में से आरोपी की अदालत में पेशी हुई। जानें क्या था पूरा मामला
25 जनवरी को जोशी को अज्ञात नंबर से फोन आया, जिसे वह नहीं उठा पाए और जब उस नंबर पर फोन किया तो उधर से एक व्यक्ति ने कहा कि वह दिल्ली के पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना बोल रहे हैं.
Cyber Fraud ऐसी क्रिमिनल एक्टिविटी है जिसमें COMPUTER या Network Device के जरिए ठगी की जाती है.
आज लगभग सभी व्यवसायिक संस्थानों के पास एक डोमेन नाम पंजीकृत है और इसका उपयोग अपने ग्राहकों के बीच प्रचार करने के लिए करते हैं।
जब एक व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति या संगठन के Domain name को Register कर अवैध रूप से चलाता है तो उसे साइबर स्क्वेटिंग कहा जाता है. आइए नज़र डालें कि साइबर स्क्वेटिंग कितने प्रकार की होती है.
2022 में वित्तीय खतरे के परिदृश्य में महत्वपूर्ण बदलाव देखे गए हैं. जबकि बैंकिंग पीसी और मोबाइल मालवेयर जैसे पारंपरिक वित्तीय खतरों का उपयोग करने वाले हमले कम हो गए हैं.
भारत में साइबर स्क्वाटिंग से संबंधित कोई विशिष्ट कानून नहीं है लेकिन साइबर स्क्वाटिंग को रोकने के लिए मुख्य रूप से भारतीय ट्रेडमार्क अधिनियम का इस्तेमाल किया जाता है.
4.45 लाख रुपये का फ्रॉड करने वाले साइबर क्रिमिनल्स में से आरोपी की अदालत में पेशी हुई। जानें क्या था पूरा मामला
25 जनवरी को जोशी को अज्ञात नंबर से फोन आया, जिसे वह नहीं उठा पाए और जब उस नंबर पर फोन किया तो उधर से एक व्यक्ति ने कहा कि वह दिल्ली के पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना बोल रहे हैं.
2022 में वित्तीय खतरे के परिदृश्य में महत्वपूर्ण बदलाव देखे गए हैं. जबकि बैंकिंग पीसी और मोबाइल मालवेयर जैसे पारंपरिक वित्तीय खतरों का उपयोग करने वाले हमले कम हो गए हैं.
भारत में साइबर स्क्वाटिंग से संबंधित कोई विशिष्ट कानून नहीं है लेकिन साइबर स्क्वाटिंग को रोकने के लिए मुख्य रूप से भारतीय ट्रेडमार्क अधिनियम का इस्तेमाल किया जाता है.
Cyber Crime के कई सुलाझाए गए मामलों में जांच अधिकारियों ने पाया है कि जालसाजों ने आधार डेटाबेस में अपने व्यक्तिगत विवरण को अपडेट करने के लिए फर्जी रबर स्टैंप और लोक अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर का भी इस्तेमाल किया है.
टेक्नोलॉजी आने के साथ - साथ इससे संबंधित अपराध भी अपने चरम पर है जिसे साइबर अपराध या साइबर हमला कहते हैं. साइबर अपराध को अंजाम देने वाले को साइबर अपराधी कहा जाता है. आज शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो कोई ऐसा डिवाइस का प्रयोग ना करता हो जिसे हैक ना किया जा सके.
रीजीजू ने बृहस्पतिवार को एनएचआरसी अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अरुण कुमार मिश्रा और अधिकार पैनल के सदस्यों के अलावा संबंधित मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों, कानूनी विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और विद्वानों की मौजूदगी में सम्मेलन का उद्घाटन किया.
सोशल मीडिया ने जहां दूरियों को कम कर दिया है. वहीं लोग आय दिन कई तरह के साइबर अपराध के शिकार हो रहे हैं. जानकारी के अभाव में कुछ लोग अपराध को छुपा लेते हैं, शासन और प्रशासन की ओर से कई तरह के कानून बनाए गए हैं ताकि लोगों को ऐसे अपराधियों से बचाया जा सके.
सेक्सटॉर्शन करना एक गंभीर अपराध है और इसे गंभीरता से लेना चाहिए. अगर कोई किसी को ब्लैकमेल कर रहा है, तो पीड़ित को हमेशा कानून से मदद लेनी चाहिए ना की चुपचाप सहना चाहिए.
इस तरह के अपराध आईटी एक्ट( cyber crime information technology act) और भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत आते हैं. आईटी एक्ट, 2000, जो 17 अक्टूबर, 2000 में लागू हुआ. यह कानून साइबर क्राइम और इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स से संबंधित है.आईटी एक्ट को बाद में वर्ष 2008 में संशोधित किया गया था.
साइबर फ्रॉड का शिकार होने से बचने के लिए हमें कई तरह के एहतियात बरतने चाहिए.गृह मंत्रालय (MHA) ने साइबर अपराध की रोकथाम पर जागरूकता फैलाने के लिए @Cyberdost ट्विटर हैंडल भी लॉन्च किया है.
साइबर अपराध होने पर सबसे पहली बात जो आपको याद रखनी है वह है घटना के बाद बितने वाला समय. आप जितना जल्दी अपने साथ हुई ठगी या साइबर क्राईम की घटना को रिपोर्ट करेंगे साइबर टीम उतना ही जल्दी एक्शन लेगी. इससे आपके साथ हुई घटना और नुकसान की रिकवरी की संभावना भी उतनी ही बढ़ जाएगी.