अदालत में किस तरह Criminal Case दायर किया जाता है? जानें पूरी प्रक्रिया
आपको अगर किसी आपराधिक मामले को रिपोर्ट करना हो, उसके लिए अदालत में मुकदमा दर्ज करना है तो उसकी प्रक्रिया क्या है, आइए विस्तार से जानते हैं...
आपको अगर किसी आपराधिक मामले को रिपोर्ट करना हो, उसके लिए अदालत में मुकदमा दर्ज करना है तो उसकी प्रक्रिया क्या है, आइए विस्तार से जानते हैं...
यदि एक शख्स ने किसी मामले में एफआईआर दर्ज की है और कार्यवाही के दौरान उसकी (शिकायतकर्ता) की मौत हो जाती है तो केस आगे कैसे बढ़ता है? मामला खत्म करने की प्रक्रिया क्या है, आइए जानते हैं...
ऐलनाबाद से विधायक अभय चौटाला इनेलो प्रमुख एवं हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के छोटे बेटे हैं और वह इस समय राज्य में ‘परिवर्तन पदयात्रा’ पर हैं।
आज भारत में सिविल और क्रिमिनल मामलों के निपटारे के लिए निचली अदालत, उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय की सुविधा है। जानिए कि स्वतंत्रता से पहले, भारत में आपराधिक मामलों का निपटारा किस तरह होता था, 1947 से पहले भारत में न्यायिक व्यवस्था कैसी थी...
जिन कैदियों को फांसी की सजा सुनाई जाती है, उन्हे जेल में रखने के तरिके सबसे अलग होते हैं
धारा 144 लागू होते ही उस इलाके में पांच से अधिक लोग एक साथ एक जगह जमा नहीं हो सकते
एक याचिका को खारिज करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने यह कहा है कि यदि शुरू में एक पत्नी ने गुजारा भत्ता नहीं मांगा है, तो ऐसा कोई नियम नहीं है कि परिस्थितियों के बदलने के बाद वो इसके लिए दोबारा आवेदन नहीं कर सकती...
सभी अपराध समान नहीं होते हैं और उन्हें अलग-अलग उपाय की आवश्यकता होती है. दंड प्रक्रिया संहिता में मुख्यत: दो तरह के अपराधों का वर्णन किया गया है.
सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (Information Technology Act ) की धारा 66 में कंप्यूटर से संबंधित अपराध के बारे में बताया गया है.
4.45 लाख रुपये का फ्रॉड करने वाले साइबर क्रिमिनल्स में से आरोपी की अदालत में पेशी हुई। जानें क्या था पूरा मामला
नाम से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह किस तरह का साक्ष्य होता है. Prima Facie शब्द को लैटिन भाषा से लिया गया है जिसका सीधा मतलब है at first sight” or “at first appearance”. कानून की दुनिया में यह बहुचचित शब्द है. इसका सिविल और क्रिमिनल मामलों में कितना महत्व इस पर नजर डालते हैं.
जब भी कोई अपराध होता है तो उसका कोई ना कोई सबूत जरूर होता है और सबूतों का कानून की दुनिया में बहुत अहमियत है. इसलिए जिस पर जो आरोप लगाता है उसे भी अपने आरोप को सही साबित करने के लिए प्रूफ देना पड़ता है.
क्या हमारे देश में दो - दो शादियां करना एक अपराध के श्रेणी में आता है. इसे लेकर अलग- अलग लोग के मन में अलग- अलग धारणाएं बनी हुई हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हर बार दो शादियां करना अपराध के श्रेणी में नहीं आता.
लंदन के एक कार्यक्रम में राहुल गांधी की ओर से दिए भाषण को लेकर सत्यकी ने पुणे के प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में मानहानि का मुकदमा दायर किया है. विनायक दामोदर सावरकर के पोते सात्यिकी सावरकर ने पुणे में आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया है.
पुलिस की हठधर्मिता और तानाशाही के विरोध में, वकीलों ने मंगलवार को दिनभर प्रोटेस्ट किया. आखिरकार पुलिस को बैकफुट पर आना पड़ा.
Patna High Court में Rahul Gandhi के अधिवक्ताओं ने दलील दी है कि Rahul Gandhi को इसी मामले में सूरत की अदालत से सजा मिल चुकी है ऐसे में एक ही मामले में दो-दो जगह ट्रायल ठीक नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “उच्च न्यायालयों के रजिस्ट्रार जनरल यह सुनिश्चित करेंगे कि आपराधिक मुकदमों के साथ-साथ दीवानी मुकदमों के सभी मामलों में, रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण विधिवत रूप से सभी जिला अदालतों में विधिवत रूप से किया जाना चाहिए.”
उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री टीएस रावत के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों के संबंध में हाईकोर्ट ने पत्रकारों सहित तीन लोगो के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया था. हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील पेडिंग रहते हुए पुलिस ने क्लोजर रिपोर्ट पेश की थी.
उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री टीएस रावत के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों के संबंध में हाईकोर्ट ने पत्रकारों सहित तीन लोगो के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया था. हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील पेडिंग रहते हुए पुलिस ने क्लोजर रिपोर्ट पेश की थी.
23 मार्च की सूरत की मजिस्ट्रेट अदालत ने राहुल गांधी को मानहानि केस में 2 साल की सजा सुनवाई थी. अदालत ने राहुल गांधी को 30 दिन का समय दिया था ताकि वो फैसले को चुनौती दे सके.
राहुल गांधी के आवेदन को शिकायतकर्ता द्वारा इस आधार पर चुनौती दी गई थी कि उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द हो चुकी है.अदालत ने राहुल गांधी को छूट देते हुए गवाहों के बयानों के लिए 3 जून की तारीख तय की है.
Allahabad High Court ने कहा कि पीड़िता वह व्यक्ति है जो अदालत के समक्ष आती है और मुकदमे के दौरान यदि वह बलात्कार के आरोप से इनकार करती है और पक्षद्रोही हो जाती है, तो राज्य सरकार द्वारा प्रदान की गई मुआवजे की राशि को उसके पास रखने का कोई औचित्य नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि इस बात पर कोई रोक नहीं है कि एक बार किसी व्यक्ति को डिफ़ॉल्ट जमानत पर रिहा कर दिया गया है, तो उसे मेरिट और जांच में सहयोग नहीं करने जैसे आधारों पर उसकी जमानत को रद्द नहीं किया जा सकता है.
राहुल गांधी की अपील पर Judge Robin Mogera सुनवाई कर रहे है. Senior Advocate RS Cheema की कानूनी टीम उनकी और से पैरवी कर रही है.
Bombay High Court ने 30 मार्च को सलमान के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को रद्द कर दिया था. अब सामने आए फैसले में अदालत ने न्यायिक प्रक्रिया को लेकर महत्वपूर्ण टिप्पणीया की है.
ऐसा व्यक्ति, अधिकारी द्वारा मामले से संबंधित पूछे गए सभी सवालों का सही जवाब देने के लिए बाध्य होगा. भले ही उन सवालों के जवाब देने पर वो शक के दायरे में ही क्यों ना आ जाए.
एक पुलिस अधिकारी जो वारंट को निष्पादित करता है, वह गिरफ्तार होने वाले व्यक्ति को इसकी सूचना देगा और यदि वह मांग करता है, तो वह उसे वारंट दिखाएगा.
पत्रकार ने बॉलीवुड एक्टर सलमान खान और उनके बॉडीगार्ड नवाज शेख पर मारपीट करने और दुर्व्यहार करने का आरोप लगाया था.पुलिस की जांच रिपोर्ट के बाद अदालत ने समलान को इस मामले में समन जारी किया था.
जब कोई मजिस्ट्रेट पुलिस रिपोर्ट और उसके साथ भेजे गए दस्तावेजों की समीक्षा (Review) करने और अभियोजन पक्ष और अभियुक्त को ठीक से सुनने के बाद वो इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि अभियुक्त के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं, तो वह कारण दर्ज करने के बाद केस को खारिज कर सकते हैं.
अगर आपसे कभी कानून का उल्लंघन हो जाए तो क्या आप अपराधी माने जाएंगे, इससे संबंधित मामलों के लिए कानून में कई तरह के नियम बनाए गए हैं.
राउज एवेन्यू कोर्ट ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ दायर मानहानि के मामले में कार्यवाही को आगे बढाने से पूर्व समन जारी करने के लिए मामले में उचित जांच का आदेश दिया है.
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के समक्ष दायर याचिका में दावा किया गया है कि करसोग अदालत के जज ने याचिकाकर्ता के खिलाफ बिना मुकदमें के ही हिरासत में रखने का आदेश दिया है. याचिका में मौलिक अधिकारों के हनन के लिए 1 करोड़ रूपए का मुआवजा दिलाने की मांग की है.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के महाराष्ट्र के नागपुर में स्थित घर और कार्यालय पर एक व्यक्ति ने 10 करोड़ रुपये नहीं देने पर भाजपा के वरिष्ठ नेता को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी. गडकरी ने समाचार एजेंसी को बताया कि फोन करने वाले ने अपना नाम जयेश पुजारी उर्फ जयेश कांत बताया है.
याचिका में कहा गया है कि तेजस्वी यादव पटना के निवासी हैं, लेकिन CBI उन्हें दिल्ली में पूछताछ के लिए उपस्थित होने के लिए कह रही है, जो कि CRPC की धारा 160 के प्रावधान के विपरीत है.
केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री द्वारा लोकसभा में दिए गए जवाब के अनुसार इस प्रक्रिया के लिए दिल्ली एलएलयू उपकुलपति की अध्यक्षता में एक समिति का भी गठन किया गया है.
तलाक को हमारा समाज बहुत अच्छी नजरों से नहीं देखता है इसलिए जब भी कोई महिला तलाक के बारे में सोचती है तो सबसे पहले वो यही सोचती है कि समाज क्या कहेगा लेकिन महिलाएं इन सबसे ऊपर उठ रही हैं क्योंकि महिलाएं अब जागरूक हो रही है अपने अधिकारों के प्रति.