Special leave petition क्या है? इसे कैसे और किन परिस्थतियों फाइल किया जाता है
इन अपीलीय प्रक्रियाओं के लिए दिशानिर्दश अनुच्छेद 136 में प्रदान किया गया है, आइये जानते है इस अनुच्छेद के विषय में ।
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भारत में किन लोगों को 'अनुसूचित जाति' की श्रेणी में शामिल किया जाएगा, इसको लेकर संविधान का अनुच्छेद 341 क्या कहता है, इसे लागू करने के लिए किस संवैधानिक आदेश को जारी किया गया था और इस संवैधानिक आदेश के किस हिस्से के खिलाफ याचिका दायर की गई है, जानें
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 323A में केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (CAT) के बारे में बताया गया है लेकिन अनुच्छेद 323B में किस तरह के 'ट्राइब्यूनल्स' की बात की गई है और इनकी स्थापना कौन करता है- जानिए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भोपाल वाले बयान के बाद 'समान नागरिक संहिता' चर्चा का एक बड़ा विषय बन गया है। 'यूनिफॉर्म सिविल कोड' क्या है, भारतीय संविधान में इसका उल्लेख कैसे किया गया है, भारत में आज यह चर्चा का एक ज्वलंत मुद्दा क्यों है, जानिए
हमारे देश मे जातिवाद और जातीय भेद-भाव से सम्बंधित मामलों पर लगाम लगाने के लिए ,SC/ST Act 1989 को पारित किया गया, ताकि समाज में इस दुर्भावना से किये गए अपराध को रोका जा सके, आइये विस्तार से इस एक्ट के बारे में जानते है।
न्यायपालिका अपना काम अच्छी तरह, बिना किसी रुकावट के कर सके, इसके लिए अधिकरणों (Tribunals) की स्थापना की गई है और काम को बांटने का प्रयास किया गया है। लोक सेवा से जुड़े मामलों को सुलझाने के लिए भारतीय संविधान के अनुच्छेद 323A के तहत क्या प्रावधान है, आइए जानते हैं
आदिवासियों के अधिकार और उनकी रक्षा के लिए पेसा कानून (PESA), 1996 बनाया गया.
विधि आयोग ने हाल में कहा कि उसने समान नागरिक संहिता पर नए सिरे से विचार करने का फैसला किया है. इस मामले में, आयोग ने सभी संबंधित पक्षों से सुझाव भी आमंत्रित किया है, जिनमें आम लोग और धार्मिक संगठनों के सदस्य शामिल हैं.
भारत में वो दो कौन सी ऐसी स्थितियां थीं, जब देश में वित्तीय आपातकाल घोषित किया जा सकता था? संविधान के अनुसार वित्तीय आपातकाल क्या है और इसे कब लागू किया जाता है, जानिये.
केंद्र सरकार ने कुछ 'हज ग्रुप ऑर्गनाइजर्स' (HGOs) के पंजीकरण को सस्पेन्ड कर दिया गया था और उनके हज कोटा पर भी रोक लगा दी थी। इसके चलते HGOs ने कोर्ट में याचिका दायर की जिसका फैसला दिल्ली हाईकोर्ट ने उनके हक में सुनाया है...
इंडियन कॉन्ट्रैक्ट एक्ट के तहत 'जबरदस्ती' दंडनीय क्यों है और 'अनुचित प्रभाव' अपराध क्यों नहीं है, समझें अंतर
अगर आप अपना नाम बदलना चाहते हैं और आपको ऐसा करने से रोका जा रहा है, तो क्या ये आपके मौलिक अधिकारों का हनन है? जानिए कानून इस बारे में क्या कहता है
अगर ऐसी कोई स्थिति होटी है जब आपको अपने ही परिवार से सुरक्षा चाहिए हो, तो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत आप ऐसा कर सकते हैं। जानें कैसे
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धर्म, जाति परिवर्तन और विवाह के बाद दस्तावेजों में नाम बदलने की अनुमति नहीं देने वाले उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा अधिनियम के प्रावधान को रद्द किया
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहकर 20 वर्षीय लड़की को सिक्योरिटी दिलवाई है क्योंकि उसे अपने ही परिवार के सदस्यों से खतरा है। जानें ऐसी स्थितियों में संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत किस तरह प्रोटेक्शन पाया जा सकता है
भारतीय दंड संहिता की धारा 325 के तहत क्या आरोप लगाए जाते हैं, उससे क्या होता है और इस दंड की सजा क्या है, आइए सबकुछ जानते हैं
भारत के संविधान का अपमान करने या फिर उसे जलाने-फाड़ने की कानून में क्या सजा है, आइए विस्तार से जानते हैं .
संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 को “स्वर्ण त्रिभुज” कहा जाता है. संविधान का दिया गया यह अधिकार बहुत महत्वपूर्ण है. अगर किसी व्यक्ति के जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन होता है तो वह न्यायालय में कार्यवाही शुरू करवा सकता है.
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विधि आयोग ने हाल में कहा कि उसने समान नागरिक संहिता पर नए सिरे से विचार करने का फैसला किया है. इस मामले में, आयोग ने सभी संबंधित पक्षों से सुझाव भी आमंत्रित किया है, जिनमें आम लोग और धार्मिक संगठनों के सदस्य शामिल हैं.
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संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 को “स्वर्ण त्रिभुज” कहा जाता है. संविधान का दिया गया यह अधिकार बहुत महत्वपूर्ण है. अगर किसी व्यक्ति के जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन होता है तो वह न्यायालय में कार्यवाही शुरू करवा सकता है.
हमारे देश का संविधान अपने आप में हिंदूस्तान की पुरी तस्वीर खुद में समेटे हुए है.संविधान निर्माताओं की ये देशभक्ति ही थी कि उन्होने इतने कम समय में ही विश्व के सबसे महान संविधान को तैयार किया था. भारतीय संविधान का जनक की जयंती पर आईए जानते है देश के संविधान की रोचक बाते.
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि "केंद्र सरकार और राज्य सरकार अपने हलफनामें में 6 सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करते हुए यह बताए कि क्या सरकारी खर्च पर या सरकारी खजाने से धार्मिक शिक्षा प्रदान करना संविधान के अनुच्छेद 14, 25, 26, 29 और 30 का उल्लंघन हो सकता है"
न्याय, एक सभ्य समाज की नींव बनाता है. न्यायोचित कानूनों के बिना समाज असहिष्णु और कठोर हो जाता है, जो समाज को संघर्ष की ओर धकेलता है. सामाजिक न्याय समाज में कई पहलुओं जैसे आर्थिक, शैक्षिक और कार्यस्थल में अवसरों में निष्पक्षता और समानता को बढ़ावा देता है.
जमानती और गैर-जमानती अपराधों में मूल अंतर यही है कि जमानती अपराध में जमानत, आरोपी का अधिकार है और गैर-जमानती अपराध में जमानत अदालत के निर्णय पर निर्भर करती है.