आरुषि मर्डर केस में Circumstantial Evidence का महत्व
परिस्थितिजन्य साक्ष्य को अप्रत्यक्ष साक्ष्य के रूप में भी जाना जाता है। परिस्थितिजन्य साक्ष्य के पीछे हमेशा एक मिथक होता है कि यह किसी को उसके कार्य के लिए दोषी साबित करने के लिए पर्याप्त रूप से स्पष्ट है क्योंकि साक्ष्य प्रत्यक्ष साक्ष्य के बजाय परिस्थितियों पर आधारित होता है।