आत्महत्या के लिए उकसाना गंभीर अपराध है?
हमारे देश में किसी को आत्महत्या के लिए उकसाना कानूनी रूप से अपराध माना जाता है. इसके लिए भारतीय दंड सहिंता की धारा 306 के तहत सज़ा सुनाई जा सकती है.
हमारे देश में किसी को आत्महत्या के लिए उकसाना कानूनी रूप से अपराध माना जाता है. इसके लिए भारतीय दंड सहिंता की धारा 306 के तहत सज़ा सुनाई जा सकती है.
आईपीसी की धारा 309 के अनुसार अगर कोई व्यक्ति अपनी जान लेने की कोशिश करता है और अगर वो बच जाता है तो उसे एक निश्चित अवधि के लिए कारावास की सजा दी जाएगी. इसके अलावा अगर कोई किसी को आत्महत्या के लिए बहकाता है तो वो भी अपराध माना जाएगा लेकिन अगर बहकावे में आने वाला व्यक्ति कोई बच्चा हो तो क्या आप जानते हैं कि दोषी को क्या सजा मिलेगी.
भारतीय दंड सहिंता की धारा 306 के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति, दूसरे व्यक्ति को आत्महत्या करने के लिए उकसाता है और वह व्यक्ति आत्महत्या कर लेता है तो उस व्यक्ति को इस धारा के तहत सज़ा सुनाई जा सकती है.
आईपीसी की धारा 309 के अनुसार अगर कोई व्यक्ति अपनी जान लेने की कोशिश करता है और अगर वो बच जाता है तो उसे एक निश्चित अवधि के लिए कारावास की सजा दी जाएगी. इसके अलावा अगर कोई किसी को आत्महत्या के लिए बहकाता है तो वो भी अपराध माना जाएगा लेकिन अगर बहकावे में आने वाला व्यक्ति कोई बच्चा हो तो क्या आप जानते हैं कि दोषी को क्या सजा मिलेगी.
भारतीय दंड सहिंता की धारा 306 के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति, दूसरे व्यक्ति को आत्महत्या करने के लिए उकसाता है और वह व्यक्ति आत्महत्या कर लेता है तो उस व्यक्ति को इस धारा के तहत सज़ा सुनाई जा सकती है.