करदाताओं के पुराने इनकम टैक्स विवादों को समाप्त करने के लिए लाई गई 'विवाद से विश्वास स्कीम 2024' सोमवार से लागू हो गई है. इस स्कीम का ऐलान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से आम बजट 2024 की स्पीच के दौरान किया गया था. इस स्कीम का उद्देश्य देश में इनकम टैक्स के पुराने विवाद को समाप्त करना है. विवाद से विश्वास स्कीम 2024 के जरिए 22 जुलाई, 2024 तक आयकर आयुक्त (अपील), आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण, उच्च न्यायालयों या सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष लंबित प्रत्यक्ष कर के मामलों को निपटाया जा सकता है.
विवाद से विश्वास स्कीम 2024 का फायदा कोई भी व्यक्ति उठा सकता है, जिसका इनकम टैक्स के बकाया को लेकर मामला लंबित है. हालांकि, वे लोग इस स्कीम का फायदा नहीं उठा सकते हैं, जिन पर खोज और जब्ती, विदेशों में अघोषित आय जैसे गंभीर आयकर के मामले चल रहे हो. इस स्कीम का फायदा लेने के लिए आपको विवाद से विश्वास स्कीम 2024 के तहत जारी हुए फॉर्म 1 भरना होगा, जिसे इनकम टैक्स की वेबसाइट पर लाइव कर दिया गया है, जिसमें आपको डिक्लेरेशन देना होगा. हालांकि, इसका मतलब यह नहीं कि आपके किसी भी डिक्लेरेशन को टैक्स अथॉरिटी की ओर से स्वीकार कर लिया जाएगा. अगर आपकी टैक्स अपील 31 जनवरी, 2020 से 22 जुलाई, 2024 के बीच दायर की गई है और इस स्कीम के तहत बकाया भुगतान 1 अक्टूबर 2024 से 31 दिसंबर, 2024 के बीच किया जाता है तो विवादित कर का 100 प्रतिशत और ब्याज, जुर्माना और फीस का 25 प्रतिशत अदा करना होगा. वहीं, अगर आप एक जनवरी 2025 के बाद भुगतान करते हैं तो विवादित कर का 110 प्रतिशत और ब्याज, जुर्माना और फीस का 30 प्रतिशत चुकाना होगा.
अगर आपकी टैक्स अपील 31 जनवरी, 2020 से पहले दायर की गई है और इस स्कीम के तहत बकाया भुगतान 1 अक्टूबर 2024 से 31 दिसंबर, 2024 के बीच किया जाता है तो विवादित कर का 110 प्रतिशत और ब्याज, जुर्माना और फीस का 30 प्रतिशत अदा करना होगा. वहीं, अगर आप एक जनवरी 2025 के बाद भुगतान करते हैं तो विवादित कर का 120 प्रतिशत और ब्याज, जुर्माना और फीस का 35 प्रतिशत चुकाना होगा। इससे पहले सरकार की ओर से विवाद से विश्वास स्कीम 2020 लाई गई थी, जिसमें 31 जनवरी, 2020 से पहले की इनकम टैक्स अपील को निपटाया गया था। इस योजना को करदाताओं से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली थी.
(खबर IANS की फीड से ली गई है.)