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GRAP-4 का नियम क्या है? और इसके लागू रहने के दौरान सरकार किन-किन कार्यों पर प्रतिबंध लगाती है

एयर क्वालिटी इंडेक्स जितना ज्यादा होगा, वायु में प्रदूषण की मात्रा उतनी ही ज्यादा व स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उतनी ही अधिक होगी.

Written by Satyam Kumar |Published : November 18, 2024 3:37 PM IST

आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बढ़ते एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) से चिंता जाहिर की है. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से जवाब तलब करते हुए कहा कि जब AQI 300 के ऊपर जा रही थी, तो आपने इसे पहले लागू क्यों नहीं किया गया. सरकार की तरफ से उपयुक्त जवाब न पाकर सुप्रीम कोर्ट ने इस स्थिति से निपटने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी है. अब शाम के मामलों को दोबारा से सुनवाई करेगी. बता दें कि एयर क्वालिटी इंडेक्स जितना ज्यादा होगा, वायु में प्रदूषण की मात्रा उतनी ही ज्यादा व स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उतनी ही अधिक होगी. इसे ही कम करने के लिए सरकार ग्रेडेड एक्शन प्लान लागू करती है. आइये जानते हैं कि ये क्या होता है...

क्या है ग्रेडेड एक्शन प्लान?

ग्रेडेड रिस्पांश एक्शन प्लान (GRAP) दिल्ली में प्रदूषण की समस्या को कंट्रोल करने के लिए लाया गया है. इस एक्शन प्लान के तहत सरकार चार चरण में पाबंदिया लगाती है. सरकार ये पाबंदियां हवा के एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) के बढ़ते स्तर पर लगाती है. सरकार का ये एक्शन प्लान बढ़ते प्रदूषण के स्तर पर लागू की जाती है.

पहला GRAP: खराब (AQI 201-300)

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दूसरा GRAP: बहुत खराब (AQI 301-400)

तीसरा GRAP: गंभीर (401-450)

चौथा GRAP: 450 से ऊपर AQI होने पर गंभीर प्लान लागू किया जाता है.

GRAP-3 में लगनेवाले प्रतिबंध

  • डस्ट, धूल, राख और सीमेंट पैदा करनेवाले कामों को रोक दिया जाएगा.
  • धूल, राख, सीमेंट, रेत, ईंट आदि धूल पैदा करनेवाली समान की लोडिंग-अनलोडिंग नहीं हो सकती है.
  • साथ ही खुदाई और निर्माण के सभी कार्य बंद रहेंगे.
  • BS 3 और BS 4 गाड़ियों की आवाजाही पर रोक लगी रहेगी.

GRAP-4 में लगनेवाले प्रतिबंध

  • ग्रेडेड एक्शन प्लान लागू होने के दौरान दिल्ली-एनसीआर में ट्रकों की एंट्री बैन कर दी जाती है.
  • सर्विस सेक्टर से जुड़ी चीजे, जैसे एलपीजी-सीएनजी की गाड़ियों की आवाजाही की इजाजत होती है.
  • BS-IV, डीजल से चलनेवाली गाड़ियों पर सख्त प्रतिबंध लागू होता है.
  • वहीं 6वीं से 12वीं क्लास तक के बच्चों के क्लासेस ऑनलाइन ही किए जाएंगें.
  • ऑफलाइन की ऑनलाइन काम को बढ़ावा दी जाती है.
  • वहीं ऑड-ईवन सिस्टम लागू कर सकती है.