'गंभीर यौन हमले
दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि यौन प्रेरित प्रयास के बिना, एक नाबालिग लड़की के होंठों को छूना और उसके पास सोना 'POCSO अधिनियम' के तहत 'गंभीर यौन हमले' के लिए अभियोजन को आकर्षित नहीं कर सकता है.
                    
                  दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट
                    
                  रखें ध्यान
POCSO, यौन उत्पीड़न मामलों में पीड़ित पहचान छिपाकर रखी जाती है. इस पोस्ट में यूज किए अधिकांश पिक एनिमेटेड है.
                    
                  यौन प्रयास का आरोप नहीं
अदालत ने यह भी कहा कि नाबालिग लड़की ने यौन हमले का कोई आरोप नहीं लगाया और यह कि किसी भी प्रकार की यौन प्रेरित प्रगति का अभाव 'POCSO अधिनियम' के तहत अपराध के लिए आवश्यक तत्व को नकारता है.
                    
                  IPC की धारा 354
हालांकि, अदालत ने 12 वर्षीय नाबालिग लड़की के चाचा की याचिका पर निर्णय लेते हुए IPC की धारा 354 के तहत आरोप बनाए रखने का फैसला किया.
                    
                  घर से अलग
इस मामले में नाबालिग लड़की को उसकी माँ द्वारा छोटी उम्र में छोड़ दिया गया था और वह एक चाइल्ड केयर संस्थान में रह रही है. हालांकि, यह घटना तब हुआ जब वह अपने परिवार से मिलने आई थी.
                    
                  अनुचित तरीके से टच
उसने दावा किया कि उसके चाचा ने अनुचित तरीके से उसे टच किया है लेकिन उसने यौन संबंध बनाने की बात से इंकार किया.
                    
                  स्वायत्तता का उल्लंघन
निर्णय में कहा गया है कि जब बच्ची पारिवारिक सुरक्षा की तलाश कर रही थी, तब किसी परिवार के सदस्य द्वारा अनुचित तरीके से टच करना उसके सम्मान और शारीरिक स्वायत्तता का स्पष्ट उल्लंघन है.
                    
                  जजमेंट की भाषा से नाराजगी
इस दौरान हाई कोर्ट ने trial courts द्वारा 'क्रिप्टिक, नॉन-स्पीकिंग, प्रोफार्मा ऑर्डर्स' पारित करने की प्रथा की आलोचना की, जिसमें किसी भी तर्क या विश्लेषण का अभाव था.
                    
                  POCSO Act
न्यायालय ने 24 फरवरी को 12 वर्षीय एक नाबालिग लड़की के चाचा द्वारा दायर याचिका पर यह निर्णय सुनाया. याचिका में मांग किया गया था कि उसके खिलाफ IPC की धारा 354 और POCSO अधिनियम की धारा 10 के तहत आरोप तय किए जाएं.
                    
                  अपराधिक बल का प्रयोग
अदालत ने कहा कि IPC की धारा 354 के तहत अपराध के आवश्यक तत्व पूरी तरह से पूरे होते हैं, जो महिला के खिलाफ आपराधिक बल या हमले के उपयोग को अपराध
                    
                  POCSO Act, Bombay HC,
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                  करीबी रिश्तेदार
कोर्ट ने कहा कि किसी परिवार के सदस्य द्वारा अनुचित शारीरिक संपर्क, जब वह विश्वास के पद में हो, तो यह उसकी गरिमा का स्पष्ट उल्लंघन है.