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आर्यन खान ड्रग मामले में वानखेड़े को गिरफ्तार करने के सवाल से क्यों पीछे हट रहा है CBI? बंबई उच्च न्यायालय ने मांगा जवाब

आर्यन खान ड्रग मामले में समीर वानखेड़े की गिरफ़्तारी पर सीबीआई के गोल-मोल जवाब पर बंबई उच्च न्यायालय ने नाराजगी जताई है। जानिए पूरी बात

CBI unclear about Sameer Wankhede Arrest in Aryan Khan Drug Case Bombay HC Miffed

Written by My Lord Team |Published : June 24, 2023 2:34 PM IST

नई दिल्ली: एक्टर शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) के बेटे आर्यन खान से जुड़े ड्रग मामले (Aryan Khan Drug Case) के कुछ पहलू अभी भी सुलझे नहीं हैं। हाल ही में, बंबई उच्च न्यायालय ने सीबीआई पर सवाल उठाए हैं और उनसे पूछा है कि वो इस केस में समीर वानखेड़े की गिरफ़्तारी के सवाल का साफ तौर पर जवाब क्यों नहीं दे रहे हैं।

बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) के न्यायाधीश ए एस गडकरी और न्यायाधीश एस जी डिगे की खंडपीठ कुछ समय पहले सीबीआई की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसके चलते आज उन्होंने सीबीआई के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त की है।

बंबई हाईकोर्ट की इस खंडपीठ ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (Central Investigation Bureau) से जवाब मांगा है कि वो आईआरएस अधिकारी समीर वानखेड़े (Samer Wankhede) की गिरफ़्तारी से जुड़े सवालों का स्पष्ट रूप से जवाब क्यों नहीं दे रहे हैं।

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अदालत का यह कहना है कि सीबीआई (CBI) एक प्रमुख जांच संस्था है और ऐसे में वो इस बात पर खुलकर कोर्ट को जवाब क्यों नहीं दे रहे हैं कि उन्हें समीर वानखेड़े को गिरफ्तार करना है या नहीं। अदालत ने सीबीआई से पूछा है कि वो इस मामले में, समीर वानखेड़े की गिरफ्तारी को लेकर 'आंख-मिचौली' क्यों खेल रहे हैं और सीबीआई के काउंसिल से उन्होंने जांच की केस डायरी भी मांगी है।

समीर वानखेड़े के खिलाफ CBI ने दर्ज किया था केस

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सीबीआई ने समीर वानखेड़े के खिलाफ घूस मांगने के आरोप के आधार पर केस दर्ज किया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 2021 के कॉर्डेलिया क्रूज शिप ड्रग मामले में शहरख खान के बेटे आर्यन खान को न फंसाने के लिए समीर वानखेड़े ने एक्टर से 25 करोड़ रुपये की मांग की थी।

समीर वानखेड़े के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act) की धारा 7 (रिश्वत), 7A (अवैध तरीकों से लोक सेवक को प्रभावित करने के लिए अनुचित लाभ) और 12 (बहकावा) और भारतीय दंड संहिता की धारा 120B (आपराधिक साजिश) और 388 (जबरदस्ती वसूली) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

उच्च न्यायालय ने बाद में समीर वानखेड़े को उनकी एफआईआर खारिज करने की याचिका के आधार पर अंतरिम सुरक्षा प्रदान की थी। सीबीआई का यह भी कहना है कि उन्होंने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17A के तहत कार्यवाही करने के लिए गृह मंत्रालय से जरूरी मंजूरी भी ले ली है। इस मंजूरी को भी समीर वानखेड़े ने अपनी याचिका में संशोधन करके चुनौती दी है।