आज सीबीआई कोर्ट (CBI Court) से यस बैंक के फाउंडर राणा कपूर को बड़ी राहत मिली है. स्पेशल कोर्ट ने ईज़ीगो वन ट्रैवल्स एंड टूर्स लिमिटेड (EOTTL) से जुड़े 1000 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण धोखाधड़ी के मामले में येस बैंक के संस्थापक राणा कपूर को जमानत दी है. आज राणा कपूर के अलावा, चार्टर्ड अकाउंटेंट नरेश जैन और अनिल खंडेलवाल को भी जमानत मिली है. अदालत ने कहा कि सीबीआई ने आरोप पत्र दाखिल करने तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया था और चार्जशीट दाखिल हो जाने के बाद मुकदमे की प्रगति में बाधा डालने का कोई डर नहीं है.
सीबीआई ने राणा कपूर के अलावा, चार्टर्ड अकाउंटेंट नरेश जैन और अनिल खंडेलवाल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत धोखाधड़ी और अन्य अपराधों के लिए मामला दर्ज किया था. सीबीआई का आरोप है कि आरोपियों और EOTTL के प्रमुख अधिकारियों ने यस बैंक को धोखा देने के इरादे से फर्जी बैलेंस शीट जमा करके लोन प्राप्त किया. वहीं, यस बैंक के फाउंडर राणा कपूर पर अपने पद का दुरुपयोग करके EOTTL को कमजोर वित्तीय स्थिति और अपर्याप्त सुरक्षा के बावजूद 1060 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत करने का आरोप है. सीबीआई ने यह भी आरोप लगाया कि ऋण प्राप्त करने के बाद, धन को कॉक्स एंड किंग्स लिमिटेड और आरोपियों की अन्य संबंधित संस्थाओं की देनदारियों को चुकाने के लिए ग़लत तरीके से हटा दिया गया. जांच एजेंसी ने कहा कि साजिश के तहत, ऋण मंजूर करने और वितरित करने के बाद, ईओटीटीएल ने जानबूझकर स्वीकृत धन को कॉक्स एंड किंग्स लिमिटेड और आरोपी व्यक्तियों की अन्य संबंधित संस्थाओं की देनदारियों को चुकाने के लिए डायवर्ट किया.
सीबीआई अदालत ने कहा कि सीबीआई ने ऐसा कुछ भी रिकॉर्ड पर नहीं रखा है जिससे पता चले कि मुकदमे के दौरान उनकी हिरासत जरूरी है. इसके अलावा अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने ऐसी कोई आशंका नहीं जताई है कि जमानत पर उनकी रिहाई मुकदमे की प्रगति में बाधा उत्पन्न करेगी. अदालत ने रिकॉर्ड पर रखे सबूतों पर गौर करते हुए आरोपी को जमानत दिया है.