पटना हाईकोर्ट ने राजद नेता अनंत सिंह को आर्म्स एक्ट मामले में आरोपों से बरी कर दिया है. 14 अगस्त के दिन पटना हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद अनंत सिंह बेऊर जेल से आज सुबह रिहा हो गए. पटना हाईकोर्ट ने फैसले में कहा कि आर्म्स एक्ट मामले में राज्य आरोप साबित करने में विफल रहा. अनंत सिंह ने पटना हाईकोर्ट में ट्रायल कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें आर्म्स एक्ट में दोषी पाते दस साल सश्रम जेल की सजा सुनाई गई थी.
पटना हाईकोर्ट में जस्टिस चंद्रशेखर झा ने अनंत सिंह की अपील को स्वीकार करते हुए आरोपों से बरी किया. उन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपों को साबित करने में असफल रहा है.
अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष का पूरा मामला संयोगवश हुई बरामदगी पर आधारित था और अभियोजन पक्ष द्वारा ऐसा कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया जिससे यह साबित हो सके कि अनंत सिंह को अपने दोनों आवासों में मिली कथित वस्तुओं की मौजूदगी के बारे में पता था.
अदालत ने आर्म्स की बरामदगी और जब्ती की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक ओर अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि संपूर्ण जब्ती की प्रक्रिया स्वतंत्र गवाह की उपस्थिति में की गई थी, लेकिन दूसरी ओर, मुकदमे के दौरान, मुखबिर सहित अभियोजन पक्ष के गवाह इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं थे कि इंसास राइफल की मैगजीन को घटनास्थल/बरामदगी के स्थान पर सील किया गया था या नहीं. साथ ही अदालत ने अभियोजन पक्ष की इस बात के लिए भी आलोचना की कि वह तीन दिनों (24.06.2015 से 27.6.2015) तक ये वस्तुएं कहां और किसके पास रखी गई थीं.
पटना हाईकोर्ट ने उक्त टिप्पणी के साथ अनंत सिंह को आरोपों से बरी करते हुए रिहा करने का आदेश दिया. आज सुबह(शुर्कवार) को अनंत सिंह बेऊर जेल से रिहा हो गए हैं.
अनंत सिंह के खिलाफ आर्म्स एक्ट, 1959 के तहत मामला दर्ज किया गया था, जब पटना पुलिस को उनके पैतृक घर से एके-47 असॉल्ट राइफल और अन्य बिना लाइसेंस वाली चीजें और पटना के मॉल रोड स्थित उनके आवास से एक इंसास राइफल और एक मैगजीन मिली थी. अनंत सिंह को
सिंह को आर्म्स एक्ट की धारा 25(1-ए), 26(2)/35 के तहत अपराधों के लिए ट्रायल कोर्ट ने दोषी ठहराया था और आर्म्स एक्ट की धारा 25(1-ए)/35 के तहत अपराध के लिए 20,000/- रुपये के जुर्माने के साथ दस (10) साल की अवधि के लिए सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी.